न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 29 Sep 2020 02:40 AM IST
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सार
- 2021 से इंजीनियरिंग के साथ ह्यूमैनिटीज, ओपन बॉयोलोजिक्ल साइंसेज, नेचुरल साइंस विषय भी जुड़ेंगे
- नई शिक्षा नीति 2020 के तहत होगी पढ़ाई, प्रधानमंत्री मोदी भी मल्टीडिसीप्लिनरी पढ़ाई पर दे रहे हैं जोर
विस्तार
इन संस्थानों में मल्टीडिसीप्लिनरी में इंजीनियरिंग के साथ ह्यूमैनिटीज, ओपन बॉयोलोजिक्ल साइंसेज और नेचुरल साइंस आदि कोर एरिया के विषय भी जुड़ेंगे। इसके अलावा दोनों संस्थानों के वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक संसाधन, महामारी, प्रदूषण, स्वच्छ जल और कृषि आदि विषयों पर एकसाथ काम करेंगे।
सरकार के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, नई शिक्षा नीति में मल्टीडिसीप्लिनरी पढ़ाई पर फोकस किया गया है। इसी के तहत आईआईटी और एनआईटी से इसकी शुरुआत होगा। इसका मकसद दोनों प्रौद्योगिकी प्रमुख संस्थान इंजीनियरिंग के साथ आम जन-जीवन और देश केविकास के लिए दिक्कतों के समाधान कर सकें।
अभी तक दोनों संस्थान इंजीनियरिंग के अलावा मैनेजमेंट में काम कर रहे हैं। इसके अलावा प्रमुख आईआईटी एम्स जैसे संस्थानों के साथ मिलकर विभिन्न बीमारियों के इलाज में तकनीक तैयार करने पर काम कर रहे हैं।
हालांकि अब ह्यूमैनिटीज, ओपन बॉयोलोजिकल साइंस के स्कूल भी प्रौद्योगिकी संस्थानों में खुलेंगे। इसके माध्यम से पारपंरिक इंजीनियरिंग स्कूल और नए जमाने के यह स्कूल मिलकर बीटेक, एमटेक और पीएचडी में पढ़ाई और शोधकार्य करेंगे। क्योंकि 21वीं सदी में ऐसे बहुविषयक पढ़ाई में नालेज रखने वालों की ही मांग होगी।
21वीं सदी की दिक्कतों का समाधान जरूरी:
21वीं सदी में जलवायु परिवर्तन, बढ़ता प्रदूषण, स्वच्छ पानी की कमी, जनसंख्या में बढ़ोतरी, कोविड जैसी महामारी, नए तरह की बीमारियां, प्राकृतिक घटते संसाधान आदि बड़ी दिक्कत है। इन्हें फिजिक्स, कैमिस्ट्री, बॉयोलॉजी, एग्रीकल्चर, सोशल साइंस आदि के समिश्रिण से ही हल निकलेगा।
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