एजुकेशन डेस्क,अमर उजाला
Updated Mon, 28 Sep 2020 04:38 PM IST
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CLAT 2020: उच्चतम न्यायालय ने संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा ( CLAT 2020) के आयोजन से कुछ घंटे पहले एक संदिग्ध कोरोना पॉजिटिव छात्र को अलग कमरे में प्रवेश परीक्षा देने की अनुमति दी। क्लैट की परीक्षा सोमवार दोपहर दो बजे शुरू हुई। इस परीक्षा के जरिए 22 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों (NLU) में एलएलबी, 5 वर्षीय एकीकृत एलएलबी और एलएलएम पाठ्यक्रमों में दाखिला होता है।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि 'वर्तमान मामले को ध्यान में रखते हुए, हम इस राय पर पहुंचे हैं कि छात्र दीपांशु त्रिपाठी को 28 सितंबर को एक अलग पृथक कक्ष में क्लैट की परीक्षा देने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसके लिए अलग केंद्र की व्यवस्था होनी चाहिए। पीठ में न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और एम आर शाह भी शामिल थे।
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पीठ ने कहा कि छात्र यह सुनिश्चित करेगा कि इस आदेश की डाउनलोड की गई कॉपी किसी अन्य गैर-लक्षण वाले व्यक्ति द्वारा उसके केंद्र अधीक्षक के समक्ष यथाशीघ्र पेश की जाए। इस आदेश की प्रति दिए जाने पर, केंद्र अधीक्षक आवेदक को परीक्षा में बैठने के लिए एक अलग कमरा प्रदान करेगा। अन्य उम्मीदवारों के प्रवेश करने के बाद आवेदक केंद्र में प्रवेश करेगा और सबसे पहले परीक्षा केंद्र से निकलेगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्र अधीक्षक भी जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी या सरकारी अस्पताल के अधीक्षक से अनुरोध कर सकते हैं कि उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए चिकित्सा कर्मचारी उपलब्ध कराएं।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि 'वर्तमान मामले को ध्यान में रखते हुए, हम इस राय पर पहुंचे हैं कि छात्र दीपांशु त्रिपाठी को 28 सितंबर को एक अलग पृथक कक्ष में क्लैट की परीक्षा देने की अनुमति दी जानी चाहिए। इसके लिए अलग केंद्र की व्यवस्था होनी चाहिए। पीठ में न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और एम आर शाह भी शामिल थे।
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पीठ ने कहा कि छात्र यह सुनिश्चित करेगा कि इस आदेश की डाउनलोड की गई कॉपी किसी अन्य गैर-लक्षण वाले व्यक्ति द्वारा उसके केंद्र अधीक्षक के समक्ष यथाशीघ्र पेश की जाए। इस आदेश की प्रति दिए जाने पर, केंद्र अधीक्षक आवेदक को परीक्षा में बैठने के लिए एक अलग कमरा प्रदान करेगा। अन्य उम्मीदवारों के प्रवेश करने के बाद आवेदक केंद्र में प्रवेश करेगा और सबसे पहले परीक्षा केंद्र से निकलेगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्र अधीक्षक भी जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी या सरकारी अस्पताल के अधीक्षक से अनुरोध कर सकते हैं कि उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए चिकित्सा कर्मचारी उपलब्ध कराएं।
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