एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sat, 29 Aug 2020 06:00 AM IST
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कॉलेजों को अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा करवाने के लिए अतिरिक्त समय तभी मिलेगा, जब वे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से मांग करेंगे। विश्वविद्यालय को अतिरिक्त समय के लिए बाकायदा आयोग को पत्र लिखना होगा। इसके आधार पर उन्हें एक तय समयसीमा दी जाएगी। इसी में उन्हें परीक्षा के साथ परिणाम निकालना होगा। आयोग नए अकादमिक सत्र 2020 के दिशा-निर्देश बनाने की तैयारी शुरू करने जा रहा है, जो सितंबर में आएंगे।
केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट का फैसला सभी राज्यों और विश्वविद्यालयों के लिए मान्य है। हालांकि, विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थान अपनी मर्जी से परीक्षा कराने की तारीख का फैसला नहीं कर सकते हैं। आयोग ने उन्हें 30 सितंबर तक की समयसीमा दे रखी है। इसके बाद यदि कोई तारीख आगे बढ़ाना चाहता है तो उसे बाकायदा आयोग से अनुमति लेनी अनिवार्य है।
इसका मकसद नए अकादमिक सत्र को पूरी तरह से शुरू करवाना है। क्योंकि यदि कोई विश्वविद्यालय देरी करता है तो उसका असर अकादमिक सत्र पर पड़ेगा, इसलिए आयोग एक तय समयसीमा में परीक्षा और रिजल्ट जारी करने का निर्देश देगा।
अकादमिक सत्र की कमेटी तैयार
आयोग ने पहले ही अकादमिक सत्र की गाइडलाइन के लिए कमेटी बना रखी है। इसमें नए सत्र के दाखिले, कोर्स, प्रोग्राम, पढ़ाई व परीक्षा का तरीका आदि शामिल होगा। अब यह कमेटी कोविड-19 हालात और केंद्रीय गृहमंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत नए सिरे से गाइडलाइन बनाएगी। इसमें राज्यों की भी सलाह ली जाएगी।
केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट का फैसला सभी राज्यों और विश्वविद्यालयों के लिए मान्य है। हालांकि, विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थान अपनी मर्जी से परीक्षा कराने की तारीख का फैसला नहीं कर सकते हैं। आयोग ने उन्हें 30 सितंबर तक की समयसीमा दे रखी है। इसके बाद यदि कोई तारीख आगे बढ़ाना चाहता है तो उसे बाकायदा आयोग से अनुमति लेनी अनिवार्य है।
इसका मकसद नए अकादमिक सत्र को पूरी तरह से शुरू करवाना है। क्योंकि यदि कोई विश्वविद्यालय देरी करता है तो उसका असर अकादमिक सत्र पर पड़ेगा, इसलिए आयोग एक तय समयसीमा में परीक्षा और रिजल्ट जारी करने का निर्देश देगा।
अकादमिक सत्र की कमेटी तैयार
आयोग ने पहले ही अकादमिक सत्र की गाइडलाइन के लिए कमेटी बना रखी है। इसमें नए सत्र के दाखिले, कोर्स, प्रोग्राम, पढ़ाई व परीक्षा का तरीका आदि शामिल होगा। अब यह कमेटी कोविड-19 हालात और केंद्रीय गृहमंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत नए सिरे से गाइडलाइन बनाएगी। इसमें राज्यों की भी सलाह ली जाएगी।
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