एजुकेशन डेस्क,अमर उजाला
Updated Thu, 27 Aug 2020 03:45 PM IST
रमेश पोखरियाल निशंक
- फोटो : ट्विटर
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केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के जरिए छात्रों का 360 डिग्री समग्र मूल्यांकन होगा। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए छात्र, अभिभावक और शिक्षक भी मूल्यांकन करने में सक्षम होंगे। शिक्षा मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए यह बात कही है।
उन्होंने 'शिक्षा सम्मान' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पेश करने वाला पहला देश होगा, क्योंकि भारत के छात्र प्रतिभा से समृद्ध हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति ऐसी है कि एक छात्र न केवल पढ़ाई करेगा, बल्कि उसे क्षेत्र में भी एक्सपोजर मिलेगा।स्कूल से पास होने के बाद छात्र 'आत्मनिर्भर'बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम इंटर्नशिप के साथ ही छठी कक्षा से व्यावसायिक शिक्षा लाए हैं।
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शिक्षा मंत्री निशंक ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति सभी सुझावों पर विस्तार से विचार करने के बाद लाई गई है। अगर हम मातृभाषा में पढ़ाने की बात करते हैं, तो शीर्ष विकसित देश अपने छात्रों को अपनी मातृभाषा में ही पढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम किसी भी भाषा का विरोध नहीं करते हैं। किसी भी भाषा को किसी पर थोपा नहीं जाएगा। लेकिन छात्रों को उतनी भाषाएं सीखने की आजादी होनी चाहिए जितनी वो चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए अतीत को अपने भविष्य के साथ जोड़ेंगे।
उन्होंने 'शिक्षा सम्मान' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पेश करने वाला पहला देश होगा, क्योंकि भारत के छात्र प्रतिभा से समृद्ध हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति ऐसी है कि एक छात्र न केवल पढ़ाई करेगा, बल्कि उसे क्षेत्र में भी एक्सपोजर मिलेगा।स्कूल से पास होने के बाद छात्र 'आत्मनिर्भर'बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम इंटर्नशिप के साथ ही छठी कक्षा से व्यावसायिक शिक्षा लाए हैं।
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शिक्षा मंत्री निशंक ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति सभी सुझावों पर विस्तार से विचार करने के बाद लाई गई है। अगर हम मातृभाषा में पढ़ाने की बात करते हैं, तो शीर्ष विकसित देश अपने छात्रों को अपनी मातृभाषा में ही पढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम किसी भी भाषा का विरोध नहीं करते हैं। किसी भी भाषा को किसी पर थोपा नहीं जाएगा। लेकिन छात्रों को उतनी भाषाएं सीखने की आजादी होनी चाहिए जितनी वो चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए अतीत को अपने भविष्य के साथ जोड़ेंगे।
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