(Hindi News from Navbharat Times , TIL Network)
2/9यूरोप में रोक

सबसे पहले फ्रांस में सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढकने पर रोक लगी थी। साल 2010 में इसके उल्लंघन को अपराध बना दिया गया जिसके लिए 150 यूरो या करीब 12 हजार रुपये का जुर्माना लगता है या फिर ऐसे लोगों को फ्रांस की नागरिकता को लेकर अनिवार्य रूप से क्लास दी जाती है।
(फोटो: साभार GettyImages)
3/9खास शहर या क्षेत्र में

बेल्जियम, स्पेन और बुल्गारिया में कुछ खास क्षेत्र या शहर में पर्दे पर रोक है।
वहीं जर्मनी, स्पेन और इटली के किसी खास क्षेत्र या शहर में सरकारी कर्मचारियों के लिए पर्दे पर रोक है।
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4/9राष्ट्रीय स्तर पर सामान्य प्रतिबंध

बेल्जियम, फ्रांस, ऑस्ट्रिया और बुल्गारिया में सार्वजनिक स्थानों पर रोक है।
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5/9राष्ट्रीय स्तर पर कुछ खास जगहों पर प्रतिबंध

डेनमार्क, फ्रांस और स्पेन में कुछ खास क्षेत्रों जैसे देश भर में सभी सरकारी कर्मचारियों पर यह प्रतिबंध लागू होता है।
6/9इन देशों में बैन का प्रस्ताव

डेनमार्क, फिनलैंड, लातविया, जर्मनी, लग्जमबर्ग, स्पेन, बेल्जियम, नीदरलैंड में कुछ स्थानों पर तो यह बैन है लेकिन कुछ पर नहीं हैं। उन स्थानों पर भी बैन के लिए कानून का प्रस्ताव पेश किया गया है।
7/9पर्दे को लेकर इस्लामिक देशों में राय

महिलाओं को किस तरह का परिधान पहनना चाहिए, इसको लेकर इस्लामी देशों में अलग-अलग राय है। ऊपर लगी तस्वीर में आपको छह तरह के परिधान दिखेंगे। ट्यूनीशिया से लेकर सऊदी अरब तक कितने प्रतिशत लोग किस परिधान को पहनने के पक्ष में है, उसका सर्वे आपको तस्वीर में दिख रहा है।
8/9क्या है बुर्का, हिजाब और नकाब

बुर्का: ऐसा परिधान जिसमें पूरा शरीर ढका रहता है और आंख के पास जाली लगी होती है।
नकाब: नकाब एक तरह का पर्दा होता है जिससे चेहरा ढका रहता है।
हिजाब: इससे सिर्फ बाल ढके रहते हैं।
9/9इस्लामी देशों में क्या है नियम?

ईरान: 1979 में हुई इस्लामी क्रांति के बाद सार्वजनिक स्थानों पर जाने के लिए हिजाब जरूरी
मलयेशिया: सिर्फ मस्जिद में जाने के लिए जरूरी। बाकी जगह पर महिलाओं की मर्जी
पाकिस्तान: न पहनने के लिए और न पहनने से रोकने के लिए कोई कानून
सऊदी अरब: सार्वजनिक स्थानों पर अबाया पहनना जरूरी। अबाया में चेहरा, हाथ और पैर के अलावा पूरा शरीर ढंका रहता है।
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