विद्यार्थी (फाइल फोटो)
- फोटो : अमर उजाला
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वैश्विक कोरोना महामारी के कारण पिछले साल मार्च से ही स्कूल और कॉलेजों के बंद रहने के बाद 1 फरवरी से तेलंगाना में नौवीं कक्षा और उससे ऊपर की कक्षाओं के स्कूलों एवं कॉलेजों को फिर से खोला गया व कक्षाओं का संचालन हुआ। अधिकारियों के मुताबिक, दस महीने बंद रहने के बाद जब सोमवार को नौवीं कक्षा और उससे ऊपर की कक्षाओं के स्कूल खुले तो विद्यार्थियों की उपस्थिति 45-47 फीसदी रही। अधिकारियों ने कहा कि नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा की तुलना में दसवीं और बारहवीं के छात्रों की उपस्थिति बेहतर रही।
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सूबे की सरकार ने स्कूलों को खोलने के लिए जो दिशा-निर्देश जारी किये थे उनमें साफ कहा गया था कि छात्रों को तभी कक्षाओं में बैठने दिया जाएगा जब अभिभावकों की लिखित अनुमति होगी। सभी स्कूलों को कोरोना वायरस के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा और कक्षाओं के संचालन में सुरक्षित शारीरिक दूरी, मास्क और सैनिटाइजर का विशेष ध्यान रखना होगा। सभी छात्रों, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को मास्क पहनना होगा और सुरक्षित शारीरिक दूरी बनानी होगी।
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सूबे के शिक्षा मंत्री सबिता इंद्रा रेड्डी ने हैदराबाद के एक स्कूल का दौरा किया और व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने इस दौरान छात्रों के साथ बातचीत भी की। वहीं, कक्षाओं में आए छात्रों ने स्कूल खुलने पर खुशी जताई। छात्रों ने ऑनलाइन कक्षाओं के मुकाबले फिजिकल कक्षाओं को बेहतर बताया और कहा कि कक्षाओं में पढ़ाया गया ऑनलाइन पढ़ाए गए के मुकाबले बेहतर समझ आता है।
वैश्विक कोरोना महामारी के कारण पिछले साल मार्च से ही स्कूल और कॉलेजों के बंद रहने के बाद 1 फरवरी से तेलंगाना में नौवीं कक्षा और उससे ऊपर की कक्षाओं के स्कूलों एवं कॉलेजों को फिर से खोला गया व कक्षाओं का संचालन हुआ। अधिकारियों के मुताबिक, दस महीने बंद रहने के बाद जब सोमवार को नौवीं कक्षा और उससे ऊपर की कक्षाओं के स्कूल खुले तो विद्यार्थियों की उपस्थिति 45-47 फीसदी रही। अधिकारियों ने कहा कि नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा की तुलना में दसवीं और बारहवीं के छात्रों की उपस्थिति बेहतर रही।
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