India, UK restates commitment to climate action ahead of COP26 Summit


प्रधानमंत्री मोदी और 16 फरवरी, 2021 को आयोजित होने वाले 26 वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन - COP26 के अध्यक्ष पद के लिए नामित, आलोक शर्मा ने अपने देशों की तरफ़ से COP26 शिखर सम्मेलन से पहले जलवायु कार्रवाई के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है.


यूके सरकार के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस बैठक के दौरान, आलोक शर्मा ने नवीकरणीय ऊर्जा को उल्लेखनीय बढ़ावा देने की महत्वाकांक्षा के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सराहना की, जिसे दिसंबर, 2020 में यूके द्वारा जलवायु महत्वाकांक्षा शिखर सम्मेलन में निर्धारित किया गया था.




भारत-ब्रिटेन की बैठक: मुख्य विशेषताएं


• COP26 के अध्यक्ष-नामित, आलोक शर्मा ने अपनी इस बैठक के दौरान यूके की शुद्ध-शून्य प्रतिबद्धता को दोहराया और यह उल्लेख किया कि, COP26 के मेजबान के रूप में, यूके सरकार ने स्पष्ट रूप से एक महत्वाकांक्षी नई NDC - राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित अंशदान स्थापित करने के लिए दुनिया को एक संदेश भेजा है.
• शर्मा और प्रधानमंत्री मोदी, दोनों ही इस बात पर सहमत थे कि, यह सुनिश्चित करने के बारे पूरा प्रयास किया जाए कि, सबसे कमजोर देश जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के अनुकूल होने में सक्षम बन  सकें और ऐसा करने के लिए सभी सरकारों को अपनी जलवायु वित्त प्रतिबद्धताओं को पूरा करना होगा.
• इस बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु शिखर सम्मेलन COP26 के सफल संगठन के लिए यूके को अपनी शुभकामनाएं भी दीं.



पर्यावरण मंत्री के साथ बैठक


पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, प्रकाश जावड़ेकर ने भी आलोक शर्मा से मुलाकात की थी. इन दोनों ने वर्ष, 2021 में ग्लासगो में होने वाली वार्ता के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की.


केंद्रीय मंत्री ने यह जानकारी दी है कि, उन्होंने शर्मा को आपदा-लचीले बुनियादी ढांचे, नवीकरणीय ऊर्जा, विद्युत बसों, अनुकूलन, उत्सर्जन की तीव्रता में कमी, मेट्रो विस्तार, और वृक्षों के क्षेत्र को बढ़ाने के लिए भारत द्वारा की गई विभिन्न पहलों के बारे में भी बताया था.


आलोक शर्मा की एशिया की पहली यात्रा


COP के अध्यक्ष के तौर पर यह आलोक शर्मा की एशिया की पहली यात्रा है. उनकी इस यात्रा के दौरान, भारत द्वारा स्वच्छ ऊर्जा में परिवर्तन और जलवायु कार्रवाई पर महत्वपूर्ण प्रगति का स्वागत करने की उम्मीद है. शर्मा की यह यात्रा वर्ष, 2021 में ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की यात्रा के लिए मार्ग प्रशस्त करती है, जिसके दौरान भारत और ब्रिटेन के बीच जलवायु सहयोग पर ध्यान दिया जाएगा.




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