Why Firoz Shah Kotla Stadium New Name Will Be Arun Jaitley Stadium, Know Its History - फिरोज...



एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला
Updated Mon, 02 Sep 2019 12:53 PM IST




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दिल्ली का फिरोज शाह कोटला स्टेडियम (Firoz Shah Kotla Stadium) को पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का नाम दिया जा रहा है। यह स्टेडियम अब अरुण जेटली स्टेडियम (Arun Jaitely Stadium) के नाम से जाना जाएगा। 

अब तक इसका नाम फिरोज शाह कोटला क्यों था? किसके नाम पर इस स्टेडियम का नाम रखा गया था और क्यों? इस स्टेडियम की खासियत क्या है? ऐसे कई सवालों के जवाब हम आपको आगे बता रहे हैं। ये भी बताएंगे कि इसका नाम बदलकर अरुण जेटली के नाम पर क्यों रखा जा रहा है?

इस स्टेडियम का नाम उस किले के नाम पर रखा गया था जिसे 14वीं शताब्दी के शासक फिरोज शाह तुगलक ने बनवाया था। उन्होंने इस किले को 'फिरोज शाह कोटला' नाम दिया था। कोटला यानी किला।

फिरोज शाह तुगलक साल 1351 में दिल्ली के शासक बने थे और 1388 में उनकी मृत्यू हो गई थी। अपने शासनकाल में उन्होंने यमुना के तट पर फिरोज शाह कोटला बनवाया, दिल्ली में खूबसूरत बागीचे, कैनाल, हंटिंग लॉज बनवाए। कुतुब मीनार, सूरजकुंड, हौज खास (रॉयल टैंक) की मरम्मत करवाई।

अपनी आत्मकथा में फिरोज शाह ने लिखा है कि 'खुदा ने मुझे जितने उपहार दिए हैं, उनमें से एक थी ऐसी इमारतें बनवाने की इच्छा। इसलिए मैंने कई मस्जिद, कॉलेज और मोनेस्ट्री का निर्माण करवाया। पूर्व राजाओं द्वारा बनवाए गए उन ढांचों को सही करवाया जो समय के साथ जर्जर हो रहे थे।'

हालांकि 21वीं सदी में चीजें काफी बदल चुकी हैं। अब सूरजकुंड अपने वार्षिक क्राफ्ट मेला के लिए जाना जाता है। जबकि हौज खास अपने बार और रेस्त्रां के लिए। यहां ज्यादातर लोग अब दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित फिरोज शाह कोटला तक नहीं पहुंचते। उनका सफर कोटला से सटे स्टेडियम पर रुक जाता है।


क्यों खास है फिरोज शाह कोटला स्टेडियम?


  • गौरतलब है कि फिरोज शाह कोटला स्टेडियम (अब अरुण जेटली स्टेडियम) एक क्रिकेट स्टेडियम है। इसकी स्थापना साल 1883 में हुई थी।

  • यह भारत का दूसरा सबसे पुराना क्रिकेट स्टेडियम है जहां अब भी मैच खेले जाते हैं।

  • DDCA ने इस स्टेडियम के तीन स्टैंड्स का नाम पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान बिशन सिंह बेदी, पूर्व भारतीय ऑल राउंडर मोहिंदर अमरनाथ और वर्तमान भारतीय क्रिकेट टीम कप्तान विराट कोहली के नाम पर रखा है।

  • इस मैदान पर क्रिकेट और इसके दिग्गजों के नाम कई रिकॉर्ड भी दर्ज हैं।

क्यों दिया जा रहा है अरुण जेटली का नाम?


  • दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (DDCA) ने 27 अगस्त 2019 को यह घोषणा की कि फिरोज शाह कोटला स्टेडियम का नाम बदल कर अरुण जेटली स्टेडियम किया जा रहा है। यह पूर्व केंद्रीय मंत्री को सम्मान है। उनके उन कार्यों के लिए जो उन्होंने इस स्टेडियम के लिए किए।

  • DDCA का अध्यक्ष रहते हुए अरुण जेटली ने ही फिरोज शाह कोटला स्टेडियम को आधुनिक सुविधाओं से लैस करवाया। इस स्टेडियम की लोगों बैठने की क्षमता बढ़ाई।

  • अब 12 सितंबर 2019 को होने वाले कार्यक्रम में आधिकारिक और पूर्ण रूप से इसका नाम बदल दिया जाएगा।

  • इसी दिन इस स्टेडियम के एक स्टैंड को भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली का नाम भी दिया जाएगा।


दिल्ली का फिरोज शाह कोटला स्टेडियम (Firoz Shah Kotla Stadium) को पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का नाम दिया जा रहा है। यह स्टेडियम अब अरुण जेटली स्टेडियम (Arun Jaitely Stadium) के नाम से जाना जाएगा। 


अब तक इसका नाम फिरोज शाह कोटला क्यों था? किसके नाम पर इस स्टेडियम का नाम रखा गया था और क्यों? इस स्टेडियम की खासियत क्या है? ऐसे कई सवालों के जवाब हम आपको आगे बता रहे हैं। ये भी बताएंगे कि इसका नाम बदलकर अरुण जेटली के नाम पर क्यों रखा जा रहा है?

इस स्टेडियम का नाम उस किले के नाम पर रखा गया था जिसे 14वीं शताब्दी के शासक फिरोज शाह तुगलक ने बनवाया था। उन्होंने इस किले को 'फिरोज शाह कोटला' नाम दिया था। कोटला यानी किला।

फिरोज शाह तुगलक साल 1351 में दिल्ली के शासक बने थे और 1388 में उनकी मृत्यू हो गई थी। अपने शासनकाल में उन्होंने यमुना के तट पर फिरोज शाह कोटला बनवाया, दिल्ली में खूबसूरत बागीचे, कैनाल, हंटिंग लॉज बनवाए। कुतुब मीनार, सूरजकुंड, हौज खास (रॉयल टैंक) की मरम्मत करवाई।

अपनी आत्मकथा में फिरोज शाह ने लिखा है कि 'खुदा ने मुझे जितने उपहार दिए हैं, उनमें से एक थी ऐसी इमारतें बनवाने की इच्छा। इसलिए मैंने कई मस्जिद, कॉलेज और मोनेस्ट्री का निर्माण करवाया। पूर्व राजाओं द्वारा बनवाए गए उन ढांचों को सही करवाया जो समय के साथ जर्जर हो रहे थे।'

हालांकि 21वीं सदी में चीजें काफी बदल चुकी हैं। अब सूरजकुंड अपने वार्षिक क्राफ्ट मेला के लिए जाना जाता है। जबकि हौज खास अपने बार और रेस्त्रां के लिए। यहां ज्यादातर लोग अब दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित फिरोज शाह कोटला तक नहीं पहुंचते। उनका सफर कोटला से सटे स्टेडियम पर रुक जाता है।


क्यों खास है फिरोज शाह कोटला स्टेडियम?











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