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लेट नहीं पहुंचे
अगर मीटिंग 10 बजे से होनी है और इसका मेल सभी को जा चुका है, तो इस टाइमलाइन का जरूर ही ख्याल रखें। तो क्या यह एक समय सीमा का उल्लेख करता है? इस सवाल का जवाब है नहीं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि उपलब्ध सीमित समय के भीतर बैठक के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए यह जरूरी है, ताकि मीटिंग्स को एक निश्चित समय पर शुरू किया जा सके। सबसे बुरा हिस्सा तो वह होता है जब खुद चेयरपर्सन लेट होते हैं।मीटिंग में 'मोबाइल' नहीं
मीटिंग के दौरान मोबाइल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना तानाशाही लग सकता है, लेकिन यह लोगों के ध्यान बंटने की समस्या को कम करने के लिए जरूरी है। कई बार बैठकों में प्रतिभागी अक्सर अपने फोन या आईपैड पर सिर झुकाए देखे जाते हैं जिसके कारण वे सही ढंग से मीटिंग में हो रही चर्चाओं पर ध्यान नहीं दे पाते, जो न तो उनके लिए और न ही कंपनी के लिए अच्छा होता है। इसलिए यह जरूर सुनिश्चित कर लें कि मीटिंग के दौरान मोबाइल का उपयोग ना हो। उसे साइलेंट मोड पर डाल लें या फिर ऑफ कर दें।
एकतरफा संवाद नहीं
जब तक सभी को संवाद का मौका नहीं मिलेगा कोई भी मीटिंग सक्सेस नहीं हो सकती। कई मौकों पर मीटिंग में केवल एक व्यक्ति बोलता है और बाकी सुनते हैं जो की एक भाषण में बदल जाता है। मीटिंग में अन्य लोगों को अपनी बात रखने की अनुमति देनी चाहिए।
सभी को बोलने का मौका
अगर कोई व्यक्ति कुछ बोलता है तो उसे सुनने का प्रयास करना चाहिए। यह एक विनम्र, ईमानदार पेशेवर की मांग है। आपसी सम्मान की कमी की यहां कोई जगह नहीं है। एक ही समय में सभी लोगों को बात करने से बचना चाहिए।
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