इसके अलावा कॉलेजों में कई तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने की बात कही गई है। यूजीसी ने कहा है कि पहले की तरह फील्ड विजिट, आउटसाइड कॉलेज एक्टिविटीज, स्टडी टूर नहीं होंगे। इन्हें जितना हो सके, कम किया जाएगा। ऐसी कोई एक्स्ट्रा-करिकुलर एक्टिविटी नहीं होगी जहां भीड़ ज्यादा हो सकती है।
यूनिवर्सिटी या कॉलेज कैंपस में बाहर से किसी एक्सपर्ट को लेक्चर्स या ट्रेनिंग के लिए नहीं बुलाया जाएगा। लेकिन, कैंपस को स्ट्रेस फ्री बनाने और स्टूडेंट्स-टीचर्स के मानसिक स्वास्थ्य के लिए काउंसलर्स को समय-समय पर बुलाने की बात कही गई है।
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सभी संस्थानों से कहा गया है कि वे कैंपस में थूकने को दंडनीय अपराध बनाएं। सभी स्टूडेंट्स, टीचर्स व अन्य स्टाफ के लिए आईडी कार्ड पहनना अनिवार्य रहेगा।
शुरुआत में कैंपस आने के लिए उन स्टूडेंट्स को प्राथमिकता दी जाएगी जो रिसर्च प्रोग्राम्स में हैं या साइंस एंड टेक्नोलॉजी के किसी कोर्स में नामांकित हैं। अन्य संकायों के स्टूडेंट्स, विदेशी स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन क्लासेस जारी रखी जाएंगी। हालांकि किसी के लिए भी कैंपस आकर ऑफलाइन क्लास करना अनिवार्य नहीं किया जा सकता है।
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कंटेनमेंट जोन्स में स्थित संस्थान नहीं खोले जा सकते। न ही ऐसे क्षेत्रों में रह रहे टीचर्स या स्टूडेंट्स को कैंपस में प्रवेश दिया जाएगा। जहां बहुत जरूरी हो, वहीं हॉस्टल्स खोले जाएंगे। लेकिन कमरा शेयर करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
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