उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 09 मार्च, 2021 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. मुख्यमंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खुद इस फैसले की घोषणा की.
मुख्यमंत्री ने यह घोषणा की है कि, उन्होंने आज सुबह राजभवन में उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. उन्होंने यह बताया कि, भाजपा विधायक दल की बैठक 10 मार्च, 2021 को सुबह 10 बजे पार्टी कार्यालय में होने वाली थी.
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह कहा कि, उनकी पार्टी ने उन्हें चार साल तक राज्य की सेवा का सुनहरा अवसर दिया. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून में अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह भी कहा कि, "मैंने कभी यह नहीं सोचा था कि मुझे ऐसा मौका मिलेगा. पार्टी ने अब फैसला किया है कि मुख्यमंत्री के तौर पर सेवा करने का मौका अब किसी और को दिया जाना चाहिए."
The party gave me a golden opportunity to serve this State for four years. I had never thought that I would get such an opportunity. The party has now decided that the opportunity to serve as CM should be given to someone else now: Trivendra Singh Rawat, BJP in Dehradun pic.twitter.com/cwj36xkSZd
— ANI (@ANI)
March 9, 2021
मुख्य विवरण
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने 08 मार्च 2021 को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. त्रिवेंद्र सिंह रावत की कार्यशैली को लेकर भाजपा के कुछ विधायकों और सांसदों में असंतोष की खबरें आई थीं.
जब पार्टी 2017 में कुल 70 विधानसभा सीटों में से 57 पर जीत हासिल करके सत्ता में आई थी तो त्रिवेंद्र सिंह रावत को भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर नामित किया गया था.
उत्तराखंड की राजनीति
इससे पहले, एनडी तिवारी को छोड़कर किसी भी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने अपना 05 साल की अवधि का कार्यकाल पूरा नहीं किया. दोनों राष्ट्रीय दलों - भाजपा और कांग्रेस ने चुनाव से ठीक पहले अपने मुख्यमंत्रियों को बदल दिया.
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