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04 फरवरी, 2021 को डेनमार्क ने उत्तरी सागर में दुनिया का पहला ऊर्जा क्षेत्र द्वीप निर्मित करने की योजना को मंजूरी दी है. यह ऊर्जा द्वीप 3 मिलियन यूरोपीय घरों की बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हरित ऊर्जा का उत्पादन और भंडारण करेगा.
उत्तरी सागर में यह कृत्रिम द्वीप, जो अभी अपने प्रारंभिक चरण में है, 18 फुटबॉल मैदानों के आकार का होगा. यह सैकड़ों ऑफशोर विंड टर्बाइन से जुड़ा होगा और विमानन, शिपिंग, उद्योग और भारी परिवहन में उपयोग के लिए घरों और ग्रीन हाइड्रोजन को बिजली की आपूर्ति करेगा.
इस ऊर्जा द्वीप के निर्माण का कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि यूरोपीय संघ एक दशक के भीतर मुख्य रूप से नवीकरणीय ऊर्जा पर भरोसा करने और वर्ष, 2050 तक अपनी अपतटीय पवन क्षमता 25 गुना बढ़ाने के लिए अपनी बिजली प्रणाली को बदलने की योजनाओं का ख़ुलासा किया है.
#Denmark decides to construct the world’s first wind-energy hub as an artificial island in the North Sea🌬️🇩🇰
Once finished, the hub will cover 10 million European households with green electricity 🍀#GreenEnergy #offshorewind #NorthSea #CleanEnergy@stateofgreendk @KlimaMin pic.twitter.com/JmO15SpMy3
— Denmark.dk (@denmarkdotdk)
February 4, 2021
उत्तरी सागर में ऊर्जा द्वीप के बारे में
उत्तरी सागर में निर्मित किये जाने वाले इस ऊर्जा द्वीप की लागत लगभग 210 बिलियन डेनिश क्राउन (33.9 बिलियन डॉलर) होगी. यह डेनमार्क के पश्चिमी तट से 80 किलोमीटर दूर स्थित होगा और इसके आसपास के पवन टर्बाइनों की प्रारंभिक क्षमता 3 गीगावाट होगी. यह द्वीप वर्ष, 2033 के आसपास चालू होगा.
ग्रीनहाउस उत्सर्जन में कटौती करेगा डेनमार्क
उत्तरी सागर में निर्मित किये जाने वाला यह ऊर्जा द्वीप डेनमार्क के 1990 के दशक से 2030 के दशक तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 70% की कटौती के कानूनी रूप से बाध्यकारी लक्ष्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. ऊर्जा मंत्री डैन जोर्गेनसन ने इस योजना पर टिप्पणी करते हुए यह कहा कि, यह वास्तव में डेनमार्क के साथ-साथ वैश्विक हरित परिवर्तन के लिए एक महान क्षण है.
नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते उपयोग के लिए डेनमार्क का योगदान
यह नॉर्डिक देश, जोकि ऑफशोर विंड फ़ार्म डेवलपर ओर्स्टेड और विंड टरबाइन निर्माता वेस्टस का देश है, इस देश ने, ऑनशोर और ऑफ़शोर विंड का विकास करके अपनी अनुकूल हवा की गति के साथ, लगभग 30 साल पहले दुनिया के पहले ऑफशोर विंड फ़ार्म का निर्माण कर लिया था.
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