CRPF Inducts Women Commandos Into Elite Anti-Naxal CoBRA Unit in Hindi


केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में 34 महिला कर्मियों की पहली टुकड़ी को जंगल युद्ध के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित कमांडो यूनिट 'कोबरा' में शामिल किया गया है. इन्हें जल्द ही देश के ऐंटी नक्सल अभियानों में तैनात किया जाएगा. सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो दस्ते को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बलों में शामिल किया गया है.


अब कोबरा दस्ते में महिला जवानों को शामिल किया जा रहा है. सीआरपीएफ की सभी छह महिला बटालियनों से कुल 34 महिला कमांडो का चयन किया गया है. इन्हें तीन माह का कठोर प्रशिक्षण दिया जाएगा. सीआरपीएफ ने नक्सलियों से लोहा लेने हेतु अपनी प्रतिष्ठित कोबरा यूनिट में शामिल करने को महिला कमांडो की पहली बैच का चयन किया है.




दी जाएगी खास ट्रेनिंग


सीआरपीएफ के अनुसार, उन्हें तीन महीने के प्रशिक्षण के दौरान आधुनिक हथियार चलाना सिखाया जाएगा. इसके अतिरिक्त शारीरिक क्षमताओं में वृद्धि करने के साथ-साथ प्लानिंग, फिल्ड क्राफ्ट व विस्फोटकों के इस्तेमाल का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा. जंगल में नक्सलियों से मोर्चा लेते समय घिर जाने के बाद खुद को बचाने के तरीका भी उन्हें सिखाए जाएंगे. इन महिला कमांडो को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा कर लेने के बाद पुरुष कमांडो के साथ नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात किया जाएगा.





कोबरा कमांडो: एक नजर में


खुफिया सूचना आधारित जंगल युद्ध अभियानों के लिए साल 2009 में सीआरपीएफ में कमांडो बटालियन 'कोबरा' का गठन किया गया था. इसमें अब तक पुरुषकर्मी ही सेवा देते रहे हैं. कोबरा बटालियन के अधिकतर कमांडो माओवादी हिंसा से प्रभावित विभिन्न राज्यों में तैनात हैं जबकि इसके कुछ कमांडो उग्रवाद रोधी अभियानों के लिए पूर्वोत्तर राज्यों में तैनात हैं.


गृह मंत्रालय ने नक्सलियों से मुकाबला करने के उद्देश्य से गुरिल्ला और जंगल में लड़ाई करने जैसी कार्रवाई को अंजाम देने के लिए कोबरा की दस बटालियन गठित करने की मंजूरी दी थी. कोबरा बटालियन में शामिल किये जाने वाले सैनिकों को मानसिक और शारीरिक स्तर पर कड़े मानदंडों कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. सीआरपीएफ में भर्ती होने वाले जवानों में से ही कोबरा कमांडो को चुना जाता है.


महिला वाहिनी का गठन


सीआरपीएफ की 88वीं महिला वाहिनी का गठन साल 1986 में किया गया था. गौतरतलब है कि आंतरिक सुरक्षा के उद्देश्य से गठित की गई सीआरपीएफ में 1986 से ही महिला कर्मी हैं, जब इसकी प्रथम महिला बटालियन का गठन किया गया था. इस समय सुरक्षा बल में ऐसी छह इकाइयां हैं. बताया जाता है कि बल में लगभग 3.25 लाख कर्मी हैं और यह देश का सबसे बड़ा अर्द्धसैनिक बल है.




Post a Comment

0 Comments