school bag policy: School Bag Policy: क्या है सरकार की नई स्कूल...

Delhi sarkar ki school bag niti:दिल्ली सरकार नई स्कूल बैग नीति (School Bag Policy) लेकर आई है। राष्ट्रीय राजधानी के सभी स्कूलों को यह नीति लागू करने का निर्देश दिया गया है। दिल्ली शिक्षा निदेशालय (DoE) ने स्कूल प्रिंसिपल्स को इस संबंध में पत्र भेज दिए हैं। इसमें भारी भरकम स्कूल बैग्स को बच्चों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बताया गया है।

निदेशालय ने कहा है कि ज्यादातर स्कूल दो फ्लोर या मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स में चल रहे हैं, जहां बच्चों को इन भारी स्कूल बैग्स को कंधों पर ढोकर सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। यह बढ़ते बच्चों के घुटनों व मांसपेशियों के लिए और भी ज्यादा खतरनाक है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (Education Ministry) ने पिछले महीने नई शिक्षा नीति (New Education Policy) के तहत नई स्कूल बैग नीति (New School Bag Policy) की अधिसूचना जारी की थी।

बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्कूल बैग्स का वजन और बच्चों से अतिरिक्त बोझ कम करने के लिए यह नीति लाई गई है। इसके तहत क्या प्रावधान किए गए हैं... यहां समझें।

प्री-प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों को एक भी किताब या कॉपी लेकर स्कूल नहीं बुलाया जाए।
कक्षा 1 और 2 के बच्चों के लिए सिर्फ एक नोटबुक लेकर स्कूल जाना जरूरी हो।
कक्षा 1 से 10 तक के स्टूडेंट्स के स्कूल बैग का वजन बच्चे के वजन का 10 फीसदी से ज्यादा न हो। यानी अगर बच्चे का वजन 20 किलोग्राम है, तो उसका स्कूल बैग 2 किलोग्राम से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
बच्चों के स्कूल बैग्स की निरंतर जांच हो, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे वजनी बैग नहीं उठा रहे हैं।
स्टूडेंट्स और पैरेंट्स को सही तरीके के स्कूल बैग्स की जानकारी दी जाए। साथ ही स्टूडेंट्स को बैग के दोनों स्ट्रैप दोनों कंधों पर रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाए, ताकि बैग का वजन शरीर पर बराबर बंटा रहे।

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दिल्ली के स्कूलों को भेजी गई चिट्ठी में कहा गया है कि 'वैधानिक संस्थाओं द्वारा विभिन्न कक्षाओं के लिए रोज स्कूल ले जाने के लिए किताबों कि एक अधिकतम संख्या तय की गई है। उससे ज्यादा किताबें न मंगाई जाएं। स्कूल प्रमुख व शिक्षक मिलकर हर क्लास के लिए ऐसा टाइमटेबल डिजाइन करें, जिससे स्टूडेंट्स को रोज कई सारी किताबें व कॉपियां लेकर स्कूल न जाना पड़े।'

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'कक्षा 11वीं-12वीं के लिए स्टूडेंट्स से भी हर विषय के लिए एक नोटबुक से ज्यादा न मंगाएं। स्टूडेंट्स से कोई एक्स्ट्रा बुक या मैटीरियल लेकर स्कूल आने के लिए न कहा जाए।'



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