एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला, Updated Sun, 29 Nov 2020 02:57 PM IST
कहते हैं अपने सपनों को पूरा करने के रास्ते में कोई भी बाधा बहाना नहीं बन सकती। समय-समय पर हमें ऐसी सच्ची कहानियां भी सुनने को मिलती हैं, जो इस बात को सच साबित करती हैं। ऐसी ही एक सच्ची कहानी हम आपको बता रहे हैं।
ये कहानी है के.ललित की, जिन्होंने आंखों की रोशनी खोकर भी हिम्मत नहीं हारी और आज भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS - Indian Administrative Service) में अधिकारी हैं। पढ़ें आगे की स्लाइड्स..
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