एजुकेशन डेस्क,अमर उजाला
Updated Mon, 31 Aug 2020 02:07 PM IST
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78 कानून छात्रों सहित 122 छात्रों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे और न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा को एक खुला पत्र लिखा है। जिसमें सुप्रीम कोर्ट के 17 अगस्त के आदेश की समीक्षा करने का अनुरोध किया गया है। इसी आदेश के तहत कोर्ट ने NEET- JEE परीक्षा को स्थगित करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। वहीं, 17 वर्षीय जेईई परीक्षार्थी ने भी मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबड़े को खत लिया है और परीक्षा में होने वाली समस्याओं से अवगत करवाया है। यह पत्र सुप्रीम कोर्ट के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने सीजेआई के सम्मुख पेश किया है।
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A 17-year old JEE aspirant has submitted a Letter today to Hon’ble CJI, Supreme Court, praying to Postpone NEET-JEE in view of COVID pandemic & flood crisis in our country.
As he is a minor, I have provided him my assistance, on his request, to submit his letter to Hon’ble CJI🙏🏻 pic.twitter.com/GT3582a0iZ
— Alakh Alok Srivastava (@advocate_alakh) August 30, 2020
छात्र ने खत में लिखा है कि इन परीक्षाओं को एक या दो महीने तक स्थगित करने से राज्यों को परीक्षाओं की तैयारी का समय मिल जाएगा। गौरतलब है कि जेईई की परीक्षा एक सितंबर से लेकर छह सितंबर के बीच होगी। जबकि, नीट की परीक्षा 13 सितंबर को आयोजित होगी। इस खत में कई बिंदुओं का जिक्र किया गया है जिनमें छात्रों को परीक्षा केंद्र में 5-6 घंटे तक मास्क पहनकर बैठने से दिमाग में ऑक्सीजन की सप्लाई प्रभावित होना भी शामिल है।
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