एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Mon, 31 Aug 2020 02:50 AM IST
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सितंबर में होने वाली मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए पूरी तैयारी के बावजूद कुछ छात्रों की परीक्षा छूट सकती हैं। बिहार के इंजमाम अली ऐसे ही लाखों छात्रों में शामिल हैं, जो बाढ़ और कोरोना महामारी की चिंता के कारण चाहते हैं कि यह उच्चस्तरीय मेडिकल परीक्षा स्थगित हो जाए।
अली ने बताया कि वह बिहार के गोपालगंज जिले के हैं और उनका इलाका पिछले डेढ़ महीने से बाढ़ में डूबा है। वहां सड़कें टूटी हैं और बिजली नहीं है। मुझे नहीं लगता कि मैं परीक्षा दे पाऊंगा। अली ने बताया कि उन्होंने एक निजी वाहन वाले से अपने परीक्षा केंद्र पटना पहुंचाने की बात की, लेकिन उसने एक तरफ की यात्रा के लिए 10,000 रुपये मांगे हैं।
इसका अर्थ यह हुआ कि मुझे आने-जाने के लिए 20,000 रुपये खर्च करने पड़ेंगे। मेरे पिता किसान हैं और इतना खर्च वहन करने की स्थिति में नहीं हैं। अली ने कहा कि उन्होंने कोटा में नीट की कोचिंग ली है, लेकिन इस साल वह अपना सपना पूरा करने में असमर्थ है। मेरे इलाके में नीट के 50 और भी परीक्षार्थी हैं।
वहीं केरल की श्री चंदना ने बताया कि वह पड़ोसी के संपर्क में आने के कारण क्वारंटीन है और उनका इलाका कंटेनमेंट जोन में है। चंदना ने बताया कि नीट की तैयारी के लिए दो साल परीक्षा नहीं दी और लगता है कि इस साल भी नहीं दे पाएंगी।
अली ने बताया कि वह बिहार के गोपालगंज जिले के हैं और उनका इलाका पिछले डेढ़ महीने से बाढ़ में डूबा है। वहां सड़कें टूटी हैं और बिजली नहीं है। मुझे नहीं लगता कि मैं परीक्षा दे पाऊंगा। अली ने बताया कि उन्होंने एक निजी वाहन वाले से अपने परीक्षा केंद्र पटना पहुंचाने की बात की, लेकिन उसने एक तरफ की यात्रा के लिए 10,000 रुपये मांगे हैं।
इसका अर्थ यह हुआ कि मुझे आने-जाने के लिए 20,000 रुपये खर्च करने पड़ेंगे। मेरे पिता किसान हैं और इतना खर्च वहन करने की स्थिति में नहीं हैं। अली ने कहा कि उन्होंने कोटा में नीट की कोचिंग ली है, लेकिन इस साल वह अपना सपना पूरा करने में असमर्थ है। मेरे इलाके में नीट के 50 और भी परीक्षार्थी हैं।
वहीं केरल की श्री चंदना ने बताया कि वह पड़ोसी के संपर्क में आने के कारण क्वारंटीन है और उनका इलाका कंटेनमेंट जोन में है। चंदना ने बताया कि नीट की तैयारी के लिए दो साल परीक्षा नहीं दी और लगता है कि इस साल भी नहीं दे पाएंगी।
वाणगंगा में बहा एक महीने पहले बना पुल
मध्य प्रदेश में भारी बारिश के बीच उफनाई वाणगंगा नदी में रविवार को एक महीने पहले बना पुल बह गया। सियोनी जिले के सनवारा गांव के पास इस पुल का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत हुआ था। अभी इसका उद्घाटन भी नहीं हुआ था। जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर इस पुल के निर्माण में तीन करोड़ की लागत आई थी।
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