एजुकेशन डेस्क,अमर उजाला
Updated Sat, 29 Aug 2020 10:24 AM IST
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पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी का कहना है कि सूबे की सरकार ने यह कभी नहीं कहा कि वह विश्वविद्यालयों के अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा आयोजित करने के पक्ष में नहीं थी। उन्होंने कहा कि अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित करने के लिए यूजीसी के फैसले को बरकरार रखते हुए शीर्ष अदालत के आदेश के बाद सूबे की सरकार ने कभी भी यह नहीं कहा कि वह अंतिम वर्ष की परीक्षा कराने के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने यूजीसी और केंद्र को कहा था कि कोरोनो वायरस के सामान्य होने के बाद अंतिम परीक्षा हो सकती है। पार्थ चटर्जी ने तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (TMCP) के स्थापना दिवस के अवसर पर शुक्रवार यह बात कही।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने यूजीसी और केंद्र को कहा था कि कोरोनो वायरस के सामान्य होने के बाद अंतिम परीक्षा हो सकती है। पार्थ चटर्जी ने तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (TMCP) के स्थापना दिवस के अवसर पर शुक्रवार यह बात कही।
चटर्जी ने कहा कि सरकार उच्चतम न्यायालय के आदेशों की सामग्री से गुजरने के बाद सूबे के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ स्थिति पर चर्चा करेगी। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि विश्वविद्यालय 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षा दिए बिना छात्रों को प्रमोट नहीं कर सकते हैं। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने शुक्रवार को अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित करने के यूजीसी के फैसले को सही ठहराया। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अगर किसी राज्य को लगता है कि वह 30 सितंबर तक परीक्षा आयोजित नहीं कर सकती है, तो उसे परीक्षा आयोजित करने के लिए नए सिरे से यूजीसी से संपर्क करना होगा।
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