Ugc Exam Guidelines: Supreme Court Said That States Cannot Pass Students Without Examination, Time Limit Can...



एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला
Updated Fri, 28 Aug 2020 03:24 PM IST





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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि राज्य और विश्वविद्यालय अंतिम वर्ष की परीक्षा के बिना छात्रों को पास नहीं कर सकते हैं। हालांकि अदालत ने कहा कि जो राज्य 30 सितंबर तक परीक्षा आयोजित कराने के इच्छुक नहीं वे इसके लिए यूजीसी से संपर्क कर सकते हैं।

इससे पहले, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा-निर्देशों ने विश्वविद्यालयों से 30 सितंबर तक परीक्षा आयोजित करने को कहा था। यूजीसी ने कहा था कि अगर परीक्षाओं का आयोजन नहीं किया गया तो विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।

पीठ ने कहा “राज्य आंतरिक मूल्यांकन या पिछले प्रदर्शन के आधार पर छात्रों को पास नहीं कर सकते। अगर राज्य 30 सितंबर के बाद परीक्षा आयोजित करना चाहते हैं, तो वे इसके लिए यूजीसी से संपर्क कर सकते हैं।

यूजीसी द्वारा जारी की गई इस गाइड लाइन को चुनौती देते हुए देश भर के कई छात्रों और संगठनों ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। इस याचिका में कहा गया था कि कोरोना महामारी के मध्य परीक्षाओं का आयोजन करवाना विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए सही नहीं है। यूजीसी को परीक्षाओं को रद्द कर के विद्यार्थियों को पिछले प्रर्दशन और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर परिणाम घोषित करने चाहिए।



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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि राज्य और विश्वविद्यालय अंतिम वर्ष की परीक्षा के बिना छात्रों को पास नहीं कर सकते हैं। हालांकि अदालत ने कहा कि जो राज्य 30 सितंबर तक परीक्षा आयोजित कराने के इच्छुक नहीं वे इसके लिए यूजीसी से संपर्क कर सकते हैं।




इससे पहले, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा-निर्देशों ने विश्वविद्यालयों से 30 सितंबर तक परीक्षा आयोजित करने को कहा था। यूजीसी ने कहा था कि अगर परीक्षाओं का आयोजन नहीं किया गया तो विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।


पीठ ने कहा “राज्य आंतरिक मूल्यांकन या पिछले प्रदर्शन के आधार पर छात्रों को पास नहीं कर सकते। अगर राज्य 30 सितंबर के बाद परीक्षा आयोजित करना चाहते हैं, तो वे इसके लिए यूजीसी से संपर्क कर सकते हैं।



यूजीसी द्वारा जारी की गई इस गाइड लाइन को चुनौती देते हुए देश भर के कई छात्रों और संगठनों ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। इस याचिका में कहा गया था कि कोरोना महामारी के मध्य परीक्षाओं का आयोजन करवाना विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए सही नहीं है। यूजीसी को परीक्षाओं को रद्द कर के विद्यार्थियों को पिछले प्रर्दशन और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर परिणाम घोषित करने चाहिए।


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