अब अभिभावक, शिक्षक या समाज नहीं, बच्चे का करियर 'तमन्ना' के जरिए तय किया जाएगा। 9वीं और 10वीं के छात्रों को इसी के जरिए परखा जाएगा। सरकार ने छात्र-छात्राओं का करियर सुनिश्चित करने के लिए उच्चस्तरीय अभिक्षमता या कौशल परीक्षा का मॉड्यूल (Aptitude Test Module) तैयार किया है। बच्चों के करियर को माता-पिता या समाज के दबाव में तय करने के बजाए उसकी क्षमता और दक्षता के आधार पर सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया गया है।
इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD Ministry - MHRD) इसी सत्र से 9वीं और 10वीं कक्षा के छात्रों की ऑनलाइन परीक्षा लेगा। इससे उनके एप्टीट्यूड का पता चलेगा कि वह किस दिशा में अपना करियर बना सकते हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, भारत में स्कूली पढ़ाई के दौरान अभिभावकों, शिक्षकों और सोसायटी का बच्चों पर भविष्य को लेकर बेहद दबाव रहता है। उसे डॉक्टर, इंजीनियर, ऑर्किटेक्ट, अकाउंटेंट, शेयर मार्केट, बैंक, सीएस, सीए आदि बनने की सलाह दी जाती है। लेकिन छात्र की क्षमता और दक्षता किस क्षेत्र में है, इस बात पर कोई ध्यान नहीं देता। परीक्षा में अच्छे अंक आने पर सीधे मेडिकल और इंजीनियरिंग में भविष्य बनाने का फैसला थोप दिया जाता है। इस बीच कोई छात्र की पसंद-नापसंद के साथ क्षमता का आंकलन नहीं करता। इन्हीं दिक्कतों के चलते सरकार ने कमेटी के सुझाव के तहत 9वीं और 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए एप्टीट्यूड टेस्ट लेने की सिफारिश दी थी।
ये भी पढ़ें : छात्रा को पेपर खाली छोड़ने पर भी मिले 100 फीसदी, आखिर कौन सी थी ये तकनीक
'तमन्ना' के जरिए मिलेंगे इन करियर्स के विकल्प
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस एप्टीट्यूड टेस्ट का मॉडूयल राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) से तैयार करवाया है। इसमें उच्चस्तरीय अभिक्षमता या कौशल परीक्षा (एप्टीट्यूड टेस्ट) को 'तमन्ना' नाम दिया है।
इस परीक्षा के जरिए छात्रों के सामर्थ्य, विकल्प, निर्णय, विषय, योजना और उनकी क्षमता के अनुसार उनके लिए बेहतर करियर का आंकलन किया जा सकेगा। मॉड्यूल में 37 प्रकार के करियर क्षेत्रों की संभावनाएं भी दर्शाई गई हैं। इनमें सीएस, सिविल सर्वेंट, काउंसलर, कॉरपोरेट लॉयर, डाइटीशियन, इवेंट प्लानर, एग्रीकल्चर साइंटिस्ट, अकाउंटेंट, बीपीओ, सेना, होटल, ज्वेलरी, मोबाइल एप डेवलपर, पायलट, फोटोग्राफर, नर्स, पुलिस, रिटेल मैनेजर, रेडियो-टीवी या जर्नलिस्ट, टीचर, आर्ट एंड क्राफ्ट, एनिमेशन, सोशल वर्क, पब्लिक रिलेशन जैसे करियर शामिल हैं। परीक्षा के दौरान किसी छात्र को अंक नहीं दिए जाएंगे। बल्कि इसकी जगह उन्हें परीक्षा में प्रदर्शन के अनुसार अलग-अलग ग्रेड मिलेंगे। फिर इन्हीं ग्रेड्स के आधार पर उनका आंकलन होगा और उनके लिए बेहतर करियर विकल्प का सुझाव दिया जा सकेगा।
ये भी पढ़ें : पांच गलतियों की वजह से UPSC के टॉपर ने दी पांच बार परीक्षा, कहीं आप तो नहीं दोहरा रहे
राज्य सरकारों समेत सीबीएसई को भेजा मॉडयूल
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) ने सभी राज्य सरकारों को इस एप्टीट्यूड टेस्ट से संबंधित जानकारी व मॉड्यूल भेज दिए हैं। सरकारी स्कूलों के अलावा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE - Central Board of Secondary Education) भी अपने मान्यता प्राप्त स्कूलों में इस परीक्षा को आयोजित करेगा। हालांकि छात्रों के लिए इस परीक्षा में भाग लेना अनिवार्य नहीं है। लेकिन मंत्रालय ने राज्यों व सीबीएसई बोर्ड से आग्रह किया है कि वे इस परीक्षा की जानकारी अभिभावकों को भी दें। ताकि वे खुद अपने बच्चे को इस परीक्षा में भाग लेने के लिए प्रेरित कर सकें।
ये भी पढ़ें : कितनी है माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक, ट्विटर और रिलायंस के CEO की सैलरी?
खास बातें
- केंद्र सरकार ने 9वीं और 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए तैयार किया मॉड्यूल
- मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एनसीईआरटी से तैयार करवाया है मॉड्यूल, 37 करियर विकल्प
अब अभिभावक, शिक्षक या समाज नहीं, बच्चे का करियर 'तमन्ना' के जरिए तय किया जाएगा। 9वीं और 10वीं के छात्रों को इसी के जरिए परखा जाएगा। सरकार ने छात्र-छात्राओं का करियर सुनिश्चित करने के लिए उच्चस्तरीय अभिक्षमता या कौशल परीक्षा का मॉड्यूल (Aptitude Test Module) तैयार किया है। बच्चों के करियर को माता-पिता या समाज के दबाव में तय करने के बजाए उसकी क्षमता और दक्षता के आधार पर सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया गया है।
इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD Ministry - MHRD) इसी सत्र से 9वीं और 10वीं कक्षा के छात्रों की ऑनलाइन परीक्षा लेगा। इससे उनके एप्टीट्यूड का पता चलेगा कि वह किस दिशा में अपना करियर बना सकते हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, भारत में स्कूली पढ़ाई के दौरान अभिभावकों, शिक्षकों और सोसायटी का बच्चों पर भविष्य को लेकर बेहद दबाव रहता है। उसे डॉक्टर, इंजीनियर, ऑर्किटेक्ट, अकाउंटेंट, शेयर मार्केट, बैंक, सीएस, सीए आदि बनने की सलाह दी जाती है। लेकिन छात्र की क्षमता और दक्षता किस क्षेत्र में है, इस बात पर कोई ध्यान नहीं देता। परीक्षा में अच्छे अंक आने पर सीधे मेडिकल और इंजीनियरिंग में भविष्य बनाने का फैसला थोप दिया जाता है। इस बीच कोई छात्र की पसंद-नापसंद के साथ क्षमता का आंकलन नहीं करता। इन्हीं दिक्कतों के चलते सरकार ने कमेटी के सुझाव के तहत 9वीं और 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए एप्टीट्यूड टेस्ट लेने की सिफारिश दी थी।
ये भी पढ़ें : छात्रा को पेपर खाली छोड़ने पर भी मिले 100 फीसदी, आखिर कौन सी थी ये तकनीक
'तमन्ना' के जरिए मिलेंगे इन करियर्स के विकल्प
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस एप्टीट्यूड टेस्ट का मॉडूयल राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) से तैयार करवाया है। इसमें उच्चस्तरीय अभिक्षमता या कौशल परीक्षा (एप्टीट्यूड टेस्ट) को 'तमन्ना' नाम दिया है।
इस परीक्षा के जरिए छात्रों के सामर्थ्य, विकल्प, निर्णय, विषय, योजना और उनकी क्षमता के अनुसार उनके लिए बेहतर करियर का आंकलन किया जा सकेगा। मॉड्यूल में 37 प्रकार के करियर क्षेत्रों की संभावनाएं भी दर्शाई गई हैं। इनमें सीएस, सिविल सर्वेंट, काउंसलर, कॉरपोरेट लॉयर, डाइटीशियन, इवेंट प्लानर, एग्रीकल्चर साइंटिस्ट, अकाउंटेंट, बीपीओ, सेना, होटल, ज्वेलरी, मोबाइल एप डेवलपर, पायलट, फोटोग्राफर, नर्स, पुलिस, रिटेल मैनेजर, रेडियो-टीवी या जर्नलिस्ट, टीचर, आर्ट एंड क्राफ्ट, एनिमेशन, सोशल वर्क, पब्लिक रिलेशन जैसे करियर शामिल हैं। परीक्षा के दौरान किसी छात्र को अंक नहीं दिए जाएंगे। बल्कि इसकी जगह उन्हें परीक्षा में प्रदर्शन के अनुसार अलग-अलग ग्रेड मिलेंगे। फिर इन्हीं ग्रेड्स के आधार पर उनका आंकलन होगा और उनके लिए बेहतर करियर विकल्प का सुझाव दिया जा सकेगा।
ये भी पढ़ें : पांच गलतियों की वजह से UPSC के टॉपर ने दी पांच बार परीक्षा, कहीं आप तो नहीं दोहरा रहे
राज्य सरकारों समेत सीबीएसई को भेजा मॉडयूल
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) ने सभी राज्य सरकारों को इस एप्टीट्यूड टेस्ट से संबंधित जानकारी व मॉड्यूल भेज दिए हैं। सरकारी स्कूलों के अलावा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE - Central Board of Secondary Education) भी अपने मान्यता प्राप्त स्कूलों में इस परीक्षा को आयोजित करेगा। हालांकि छात्रों के लिए इस परीक्षा में भाग लेना अनिवार्य नहीं है। लेकिन मंत्रालय ने राज्यों व सीबीएसई बोर्ड से आग्रह किया है कि वे इस परीक्षा की जानकारी अभिभावकों को भी दें। ताकि वे खुद अपने बच्चे को इस परीक्षा में भाग लेने के लिए प्रेरित कर सकें।
ये भी पढ़ें : कितनी है माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक, ट्विटर और रिलायंस के CEO की सैलरी?
0 Comments