a war fought over a bucket the battle of zappolino
(Hindi News from Navbharat Times , TIL Network)
1/5सिर्फ एक बाल्टी को लेकर लड़ाई, 2000 लोगों की मौत

इस लड़ाई को बैटल ऑफ जैपोलिनो (Battle of Zappolino) या वॉर ऑफ द ओकन बकिट (War of the Oaken Bucket) के नाम से जाना जाता है। यह लड़ाई इटली के दो शहरों बोलोगना और मोडेना के बीच नवंबर 1325 में हुई थी। वैसे 14वीं सदी में रोम में सत्ता पर कब्जा को लेकर वेटिकन के पोप और जर्मनी के पवित्र रोमन सम्राट के बीच संघर्ष चल रहा था। पोप के समर्थक ग्वेल्फ (Guelphs)कहलाए जबकि पवित्र रोमन सम्राट के समर्थक गिबिलाइंज (Ghibellines) कहलाए। यह लड़ाई भी इन दोनों गुटों के बीच संघर्ष का ही एक हिस्सा था। (सभी फोटो: साभार GettyImages)
2/5ग्वेल्फ और गिबिलाइंज की लड़ाई को पहले समझें

अक्टूबर 1154 में पवित्र रोमन सम्राट फ्रेडरिक बारबरोसा ने इटली पर हमला कर दिया। वह जर्मनी का भी राजा था। फ्रेडरिक का मानना था कि भगवान ने उसे धरती पर अपना प्रतिनिधि बनाकर भेजा है न कि पोप को। लेकिन इटली के लोग इस बात को नहीं मानते थे। पोप जॉन XII की पहले पवित्र रोमन सम्राट के तौर पर ताजपोशी की गई थी। दोनों गुट यूरोप में अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिए लड़ते रहते थे। बोलोगना पोप का समर्थक था यानी वह ग्वेल्फ गुट में शामिल था जबकि मोडेना गिबिलाइंज था यानी फ्रेडरिक का समर्थक।
3/5लड़ाई का कारण

मोडेना के कुछ सैनिक बोलोगना में घुस गए और वहां से शहर के बीचोबीच में रखी एक बाल्टी उठा लाए। दोनों शहरों के बीच अकसर लड़ाई होती रहती थी और एक-दूसरे का सामान लूटते थे और लोगों को मारते थे। बताया जाता है कि बोलोगना के सैनिक मोडेना से जो लूटपाट करके लाए थे, उसमें से बहुत चीजों को बाल्टी में रख रखा था। बाल्टी शहर के बीच में स्थित कुएं के पास थी। मोडेना के सैनिक जब बाल्टी चुराकर ले गए तो बोलोगना ने इसे अपना अपमान समझा। बोलोगना के सैनिकों ने बाल्टी लौटाने की मांग की लेकिन मोडेना के सैनिकों ने इनकार कर दिया। इसके बाद बोलोगना ने मोडेना के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया।
4/5और मोडेना ने बोलोगना को हरा दिया

बोलोगना की सेना में 30,000 पैदल सैनिक और 2,000 घुड़सवार सैनिक थे। बोलोगना की फौज मेडोना के करीब जैपोलिनो में जमा हुई। दूसरी तरफ मेडोना की फौज में सिर्फ 5,000 पैदल सैनिक और 2000 घुड़सवार थे। संख्या में कम होने के बावजूद मोडेना के सैनिकों ने बहुत बहादुरी से लड़ा और बोलोगना को हरा दिया। बोलोगना के सैनिक हारकर भाग गए। इस लड़ाई में करीब 2,000 लोग मारे गए थे।
5/5शांति की संधि

युद्ध के बाद दोनों पक्षों के बीच शांति समझौता हो गया। मोडेना ने बोलोगना से जो सामान लूटे थे, उनमें से कुछ को लौटा दिया। लेकिन बाल्टी को कभी नहीं लौटाया। अब मोडेना के टाउन हॉल में असल बाल्टी की एक प्रतिकृति रखी गई है।

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