(Hindi News from Navbharat Times , TIL Network)
2/8यौन क्रांति

1960 के आसपास एक नई यौन क्रांति आई। सेक्स को लेकर ज्यादा से ज्यादा खुलापन की वकालत की जाने लगी। एंटन लैवी नाम के एक ईसाई धर्मगुरु ने चर्च ऑफ शैतान नाम के पंथ की स्थापना की। सेक्स पार्टी उस पंथ के धार्मिक कर्मकांड का एक हिस्सा था।
सोर्स: www.theclever.com
3/8पुनर्जागरण के दौरान

उन दिनों समाज के अभिजात वर्ग के बीच मासकेरेड बॉल (masquerade ball) नाम का एक कार्यक्रम काफी लोकप्रिय था। उसमें हर लोग मास्क लगाकर जाते थे। इसके पीछे कारण यह था कि ऐसे जाने में वे बदनाम हो जाते। लेकिन मास्क के पीछे चेहरा छिपा होने से उनको कोई फिक्र नहीं होती थी।
सोर्स: Gabrielle: The Dove in the Court of King Henri Iv
4/8ग्रीस

ग्रीस के लोग डायोनिसस नाम के एक देवता की पूजा करते थे। उनके नाम पर वहां साल में एक उत्सव का आयोजन किया जाता था जिसमें लोग सामूहिक रूप से शराब पीते और संबंध बनाते थे।
सोर्स: www.greek-islands.us
5/8रोम

जिस तरह ग्रीस के लोगों का देवता डायोनिसस हुआ करते थे, उसी तरह से रोम में एक देवता का नाम बैकस (Bacchus) था। उनके नाम पर वहां बैकनेलिया नाम का सालाना उत्सव मनाया जाता था जहां लोग जमकर पीते और संबंध बनाते थे। 1920 में लेक नेमी नाम के दो जहाज बरामद हुए। ये दोनों जहाज करीब 41वीं ईस्वी के हैं। उन दिनों रोम में कैलिग्युला का शासन था। जहाज में ऐश-ओ-आराम की सारी सुविधाएं थीं। ऐसा माना जाता है कि कैलिग्युला सेक्स पार्टियों के लिए इन जहाजों का इस्तेमाल करता था।
सोर्स: www.britannica.com
6/8मिस्र की सेक्स पार्टियां

प्राचीन मिस्र का एक शहर था जिसका नाम बुबस्ती था। उसे मिस्री भाषा में पेर-बस्त कहा जाता है। वहां साल में एक बार बास्तेत नाम के एक उत्सव का आयोजन होता था। उत्सव के दौरान शराब पीना और सामूहिक रूप से संबंध बनाना आम बात थी।
सोर्स: www.thekeep.org
7/8सुमेर की सभ्यता

प्राचीन सुमेर में एक ऐसा धार्मिक समूह था जो इश्तार नाम के देवता की पूजा करता था। उनके यहां भगवान के नाम पर साल में एक उत्सव का आयोजन होता था। उन उत्सवों के दौरान ग्रुप सेक्स आम बात थी। ऐसा मानना था कि इससे भगवान खुश होता है और इंसान की प्रजनन क्षमता में सुधार होता है।
सोर्स: amazingdiscoveries.org
8/8बहुत पुराना है पॉर्न का इतिहास

इतिहास में इस बात के प्रमाण मिलते हैं कि प्राचीन काल के लोग भी सेक्स को खूब इंजॉय करते थे। वे आनंद के लिए ऐसे तरीके भी अपनाते थे जिसे सुनकर हम शायद झेंप जाएं। जैसे आज के समय में बहुत से लोग यौनेच्छा को शांत करने के लिए पॉर्न का सहारा लेते हैं। वैसे ही प्राचीन समय में भी पॉर्न का इतिहास मिलता है। उस समय अभी की तरह मोबाइल और विडियो फॉर्मेट में पॉर्न उपलब्ध नहीं होते थे। उस समय लोग पत्थरों पर अलग-अलग यौन मुद्रा की तस्वीरें उकेरते थे जो कई लोगों की यौन संतुष्टि का भी काम करती थीं। फ्रांस में पत्थर पर उकेरी गई 37 हजार साल पुरानी तस्वीर मिली है। उसमें नग्न महिला की तस्वीर है। 'वीनस कल्ट' को मानने वाले लोग महिलाओं की कामोत्तेजक तस्वीरें पत्थर पर उकेरते थे। इसके अलावा कई तरह की सेक्स पार्टियों का आयोजन होता था। प्राचीन काल के सेक्स टॉय भी बरामद हुए हैं।
सोर्स: www.spiegel.de
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