Final Year Exam: फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा...

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नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की 6 जुलाई को जारी गाइडलाइंस को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज यानी कि बुधवार को भी नहीं आएगा। ताजा अपडेट्स के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को आज के लिए लिस्ट नहीं किया है। इस बात की जानकारी वरिष्ठ अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने दी है। अब संभावना जताई जा रही है कि कोर्ट इस मामले में या तो गुरुवार को या फिर उसके बाद किसी भी दिन फैसला सुना सकता है।

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इससे पहले अलख आलोक श्रीवास्तव ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट 25 अगस्त तक फैसला सुना सकता है। बता दें यूजीसी की गाइडलाइंस को चुनौती देने वाली याचिकाओं में कोविड-19 महामारी को देखते हुए अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा रद्द करने की मांग की गई है। यूजीसी ने अपनी संशोधित गाइडलाइंस में देशभर के सभी विश्विद्यालयों से कहा है कि 30 सितंबर से पहले परीक्षाओं का आयोजन हो जाना चाहिए। जबकि छात्रों का कहना है कि फाइनल ईयर की परीक्षाओं को रद्द करने के बाद छात्रों का रिजल्ट पूर्व के प्रदर्शन के आधार पर जारी होना चाहिए।

इस मामले में सुनवाई 18 अगस्त को पूरी हो गई थी और फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ती अशोक भूषण, न्यायमूर्ती आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ती एम आर शाह की बेंच ने की है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सभी पक्षों से अंतिम दलीलें सौंपने को कहा था और इसके लिए तीन दिन का समय दिया गया था। 18 अगस्त की सुनवाई में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और ओडिशा राज्यों की दलीलों को सुना गया था। इन राज्यों ने परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला लिया था। लेकिन यूजीसी का कहना है कि परीक्षाओं को रद्द करने का अधिकार केवल यूजीसी के पास है।

इससे पहले यूजीसी ने भी सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया था। जिसमें उसने कहा था कि फाइनल ईयर की परीक्षाएं 30 सितंबर तक छात्रों का भविष्य संभालने के उद्देश्य से आयोजित कराने का फैसला लिया गया है। ताकि उन्हें आगे की पढ़ाई में परेशानी ना आए। यूजीसी ने अपने जवाब में राज्य सरकारों के साथ साथ याचिकाकर्ताओं की चिंताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि टर्मिनल वर्ष के दौरान अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए परीक्षाएं आयोजित करके उनके द्वारा किए गए 'विशेष इलेक्टिव पाठ्यक्रमों' के अध्ययन का परीक्षण जरूरी है।

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