PM Narendra Modi April 5th Importance: क्या इन वजहों से पीएम ने...

M Salahuddin | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:

(फाइल फोटो)(फाइल फोटो)
पीएम मोदी कोरोना संकट से उपजे अंधकार को मात देने के लिए देशवासियों से एक अपील की है। उन्होंने देशवासियों से घर की सभी लाइटें बंद करके, घर के दरवाजे पर या बालकनी में खड़े रहकर 9 मिनट के लिए मोमबत्ती , दिया टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाने को कहा है। ऐसा उन्होंने 5 अप्रैल के दिन करने को कहा है। दरअसल 5 अप्रैल इतिहास का एक अहम दिन है। यह दिन कई अहम ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह है। आइए आज उनके बारे में जानते हैं...

गांधीजी पहुंचे दांडी

गांधीजी की दांडी यात्रा भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की एक अहम घटना है। उन्होंने दमनकारी नमक कानून तोड़ने के लिए दांडी यात्रा की थी। वह ऐतिहासिक दिन 5 अप्रैल ही था जब गांधीजी दांडी पहुंचे थे। वैसे तो उनकी दांडी यात्रा 12 मार्च, 1930 को शुरू हुई थी और 6 अप्रैल, 1930 को समाप्त हुई थी। दांडी मार्च या नमक सत्याग्रह महात्मा गांधी के नेतृत्व में एक अहिंसक आंदोलन था जिसको लोगों का काफी समर्थन मिला और दुनिया भर में इसकी चर्चा हुई। दांडी यात्रा का एक और खास महत्व था। वह आंदोलन राजनीति में अहिंसक आंदोलन का एक प्रयोग था। इस तरह का आंदोलन दुनिया भर में राजनीतिक विरोध के इतिहास में अप्रत्याशित था।

बाबू जगजीवन राम का जन्म

बाबू जगजीवन राम का जन्म 5 अप्रैल, 1908 को हुआ था। उनके नाम 50 सालों तक सांसद रहने का वर्ल्ड रेकॉर्ड है। 1936 से 1986 तक वह सांसद रहे। उन सालों में वह बराबरी और वंचितों के लिए लड़ते रहे। वह देश के पहले दलित उप प्रधानमंत्री थे। बाबू जगजीवन राम उन चुनिंदा लोगों में शामिल थे जिन्होंने सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी। वर्ष 1935 में ऑल इंडियन डिप्रेस्ड क्लासेज लीग की स्थापना में अहम भूमिका निभाई थी। इस संगठन ने दलितों को समान अधिकार देने और उनके कल्याण के लिए काम किया।

भारतीय नौसेना के इतिहास का अहम दिन

5 अप्रैल को भारत में नैशनल मैरिटाइम डे मनाया जाता है। इसी दिन 1919 में आधुनिक भारतीय मर्चेंट शिपिंग की शुरुआत हुई थी। सिंधिया स्टीम नेविगेशन कंपनी का 5,940 टन का पोत लिबर्टी अपनी पहली यात्रा पर रवाना हुआ था। वह पोत इंग्लैंड की यात्रा पर गया था। भारतीय जहाजरानी के इतिहास की वह इसलिए अहम घटना थी क्योंकि उस समय समुद्री मार्गों पर अंग्रेजों का कब्जा था। इसी तारीख को 1979 में देश का पहला नौसेना संग्रहालय मुंबई में खुला था। उस समय मुंबई को बंबई के नाम से जाना जाता था।



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