लॉकडाउन के बीच अब यह अफवाह भी फैल रही है कि सरकार इंटरनेट शटडाउन या इंटरनेट बैन कर सकती है। ऐसे में जानना जरूरी है कि इंटरनेट बैन या इंटरनेट शटडाउन क्या होता है, किस स्थिति में सरकार इंटरनेट बैन कर सकती है, किन नियमों का पालन करना होता है, आइए आज सबकुछ जानते हैं...
M Salahuddin | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:
- इंटरनेट शटडाउन क्या होता है?
कुछ खास परिस्थिति में किसी खास इलाके या पूरे देश में सरकार इंटरनेट सेवाओं को बंद कर देती है। इसका मुख्य मकसद सूचना के फैलाव को रोकना होता है ताकि अशांत स्थितियों पर काबू किया जा सके। ऐसा माना जाता है कि इंटरनेट के माध्यम से फर्जी खबरें और अफवाहें तेजी से फैलती हैं। इससे हिंसा भड़कने का खतरा होता है। जब सरकार को लगता है कि हिंसा भड़क सकती है और उसको काबू करना जरूरी है तो इंटरनेट बंदी का सहारा लेती है। - इंटरनेट शटडाउन या इंटरनेट बैन की स्थिति में क्या होता है?
इंटरनेट बैन आंशिक या पूरी तरह से भी हो सकता है। आंशिक बैन उस स्थिति को कहते हैं जब कुछ साइटों को छोड़कर बाकी साइटों तक ऐक्सेस हो सके। पूरी तरह बैन की स्थिति में इंटरनेट सर्विसेज बिल्कुल उपलब्ध ही नहीं होता। कुछ परिस्थिति में सरकार 4जी और 3जी सर्विसेज को सस्पेंड कर देती है और 2जी सर्विसेज चालू रहने देती है, जैसा हाल ही में जम्मू-कश्मीर में किया गया है। इसका मकसद भी भ्रामक खबरों और सूचनाओं के आदान-प्रदान को रोकना होता है। - पहली बार कब हुआ इंटरनेट शटडाउन?
2011 में मिस्र में सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। विरोध प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आ गया। इससे वहां की सरकार डर गई और करीब एक हफ्ते तक इंटरनेट बंद कर दिया। इंटरनेट सेवाओं को पूरी तरह ठप करने का पहला मामला तभी सामने आया था। तब से इंटरनेट बंदी का राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल होने लगा। इंटरनेट शटडाउन ट्रैकर रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद 2016 में 75 बार, 2017 में 106 बार, 2018 में 196 बार दुनिया के अलग-अलग देशों में इंटरनेट पर बैन लगा। 2019 के पहले छह महीनों में 23 देशों में 114 बार इंटरनेट शटडाउन किया गया। - भारत में क्या है स्थिति?
मौजूदा रुझानों में भारत और पाकिस्तान में सबसे ज्यादा इंटरनेट शटडाउन की स्थिति पैदा हुई है। उसके बाद मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीके के देशों का नंबर है। साल 2019 में इंटरनेट पर बैन लगाने के मामले में भारत दुनिया में शीर्ष पर रहा है। इंटरनेट शटडाउन ट्रैकर रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में भारत में 106 बार इंटरनेट शटडाउन किया गया। - कौन कर सकता है इंटरनेट शटडाउन?
भारत में केंद्र सरकार और राज्य सरकार, दोनों के पास पावर है कि वह टेलिकॉम कंपनियों को इंटरनेट सर्विसेज पूरी तरह बंद कर देने या कुछ साइटों को बंद कर देने का निर्देश दे। इंटरनेट शटडाउन के लिए अदालत से पहले मंजूरी लेना अनिवार्य नहीं है। सभी लाइसेंसधारी इंटरनेट सर्विस प्रवाइडर कानून के तहत एक अग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने को बाध्य हैं। उस अग्रीमेंट से भारत सरकार को यूजर के डेटा तक पहुंच का अधिकार मिलता है यानी भारत सरकार इंटरनेट कंपनियों से यूजरों का डेटा तलब कर सकती है। साल 2017 से पहले जिले के डीएम इंटरनेट बंद करने का आदेश देते थे। 2017 में सरकार ने इंडियन टेलिग्राफ ऐक्ट 1885 के तहत टेम्प्ररी सस्पेंशन ऑफ टेलिकॉम सर्विसेज (पब्लिक इमरजेंसी या पब्लिक सेफ्टी) रूल्स तैयार किए। इसके बाद अब सिर्फ केंद्र या राज्य के गृह सचिव या उनके द्वारा अधिकृत अथॉरिटी इंटरनेट बंद करने का आदेश दे सकते हैं। - भारत में इंटरनेट पर कैसे लगती है रोक?
भारत में इंटरनेट बैन की प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी होती है। पहले केंद्र या राज्य के गृह सचिव इंटरनेट बैन करने का ऑर्डर देते हैं। * उसके बाद यह ऑर्डर एसपी या उससे ऊपर के रैंक के अधिकारी के माध्यम से भेजा जाता है। उक्त अधिकारी सर्विस प्रोवाइडर्स को इंटरनेट सर्विस ब्लॉक करने के लिए कहता है। * ऑर्डर को अगले कामकाजी दिन (वर्किंग डे) के भीतर केंद्र या राज्य सरकार के रिव्यू पैनल के पास भेजना होता है। इस रिव्यू पैनल को 5 वर्किंग डेज में इसकी समीक्षा करनी होती है। केंद्र सरकार के रिव्यू पैनल में कैबिन सेक्रेटरी, लॉ सेक्रेटरी और टेलिकम्युनिकेशन्स सेक्रेटरी होते हैं। वहीं, राज्य सरकार से दिए गए आदेश के रिव्यू पैनल में चीफ सेक्रेटरी, लॉ सेक्रेटरी और एक कोई अन्य सेक्रेटरी शामिल रहता है। - इमर्जेंसी में क्या होता है?
इमरर्जेंसी की स्थिति में केंद्र या राज्य के गृह सचिव द्वारा अधिकृत किए गए जॉइंट सेक्रेटरी इंटरनेट बैन करने के लिए आदेश दे सकते हैं। हालांकि, इसके लिए उन्हें 24 घंटे के भीतर केंद्र या राज्य के गृह सचिव से इसकी मंजूरी लेनी पड़ेगी।
Web Title what is internet shutdown meaning in hindi and all you need to know(News in Hindi from Navbharat Times , TIL Network)
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