National Mathematics Day 2019: Why Celebrate This Day On December 22 Know Reason Here - National Mathematics...



एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला
Updated Sun, 22 Dec 2019 10:40 AM IST




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National Mathematics Day : 22 दिसंबर के दिन को राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है। आज के दिन गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती होती है, जिसकी याद में ये दिन मनाया जाता है। गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का जन्म सन् 1887 को तमिलनाडु के इरोड में हुआ था। रामानुजन की गणित के साथ की गई कोशिश की कहानी कला के विभिन्न कार्यों के माध्यम से पढ़ी, चित्रित और प्रदर्शित की गई सबसे आकर्षक कहानियों में से एक है। आइए इनके बारे में आगे पढ़ते हैं सबकुछ....

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  • हमारा देश श्रीनिवास रामानुजन की याद में राष्ट्रीय गणित दिवस हर साल मनाता है। 

  • बचपन से ही श्रीनिवास रामानुजन को गणित का बेहद शौक था।

  • उन्होंने 12 साल की उम्र में त्रिकोणमिति में महारत हासिल कर ली और बिना किसी सहायता के अपने दम पर कई प्रमेय विकसित किए। 

  • उन्हें, गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज, कुंभकोणम में अध्ययन करने के लिए छात्रवृत्ति से सम्मानित किया गया था, लेकिन अंत में अन्य विषयों में उनके असामान्य प्रदर्शन के कारण उन्होंने इस सम्मान को खो दिया।

  • अपनी पहचान खोजने के लिए वे घर से भाग गए और मद्रास के पचैयप्पा कॉलेज में दाखिला लिया।

  • उसके बाद गणितज्ञ रामास्वामी अय्यर के सहयोग से उन्हें मद्रास पोर्ट ट्रस्ट में क्लर्क की नौकरी मिल गई।

  • ब्रिटिश गणितज्ञ, रामानुजन की प्रतिभा को साकार करने के लिए, उन्हें लंदन बुला लिया। 

  • 1917 में, रामानुजन को लंदन मैथमेटिकल सोसाइटी का सदस्य चुना गया।

  • 1918 में, वे रॉयल सोसाइटी के फेलो भी बने, यह उपलब्धि हासिल करने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति बन गए। 

  • लंदन के मौसम और खराब खाने की आदतों ने धीरे-धीरे रामानुजन के स्वास्थ्य को प्रभावित किया, और उन्होंने 32 साल की उम्र में कुंभकोणम में अंतिम सांस ली।



National Mathematics Day : 22 दिसंबर के दिन को राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है। आज के दिन गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती होती है, जिसकी याद में ये दिन मनाया जाता है। गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का जन्म सन् 1887 को तमिलनाडु के इरोड में हुआ था। रामानुजन की गणित के साथ की गई कोशिश की कहानी कला के विभिन्न कार्यों के माध्यम से पढ़ी, चित्रित और प्रदर्शित की गई सबसे आकर्षक कहानियों में से एक है। आइए इनके बारे में आगे पढ़ते हैं सबकुछ....


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  • हमारा देश श्रीनिवास रामानुजन की याद में राष्ट्रीय गणित दिवस हर साल मनाता है। 

  • बचपन से ही श्रीनिवास रामानुजन को गणित का बेहद शौक था।

  • उन्होंने 12 साल की उम्र में त्रिकोणमिति में महारत हासिल कर ली और बिना किसी सहायता के अपने दम पर कई प्रमेय विकसित किए। 

  • उन्हें, गवर्नमेंट आर्ट्स कॉलेज, कुंभकोणम में अध्ययन करने के लिए छात्रवृत्ति से सम्मानित किया गया था, लेकिन अंत में अन्य विषयों में उनके असामान्य प्रदर्शन के कारण उन्होंने इस सम्मान को खो दिया।

  • अपनी पहचान खोजने के लिए वे घर से भाग गए और मद्रास के पचैयप्पा कॉलेज में दाखिला लिया।

  • उसके बाद गणितज्ञ रामास्वामी अय्यर के सहयोग से उन्हें मद्रास पोर्ट ट्रस्ट में क्लर्क की नौकरी मिल गई।

  • ब्रिटिश गणितज्ञ, रामानुजन की प्रतिभा को साकार करने के लिए, उन्हें लंदन बुला लिया। 

  • 1917 में, रामानुजन को लंदन मैथमेटिकल सोसाइटी का सदस्य चुना गया।

  • 1918 में, वे रॉयल सोसाइटी के फेलो भी बने, यह उपलब्धि हासिल करने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति बन गए। 

  • लंदन के मौसम और खराब खाने की आदतों ने धीरे-धीरे रामानुजन के स्वास्थ्य को प्रभावित किया, और उन्होंने 32 साल की उम्र में कुंभकोणम में अंतिम सांस ली।





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