एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला
Updated Fri, 29 Nov 2019 09:06 AM IST
शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई एक्ट) 2009 में फिलहाल विस्तार नहीं होगा। नई शिक्षा नीति के ड्रॉफ्ट में डॉ. के कस्तूरीरंगन कमेटी ने शिक्षा का अधिकार कानून का विस्तार करने की सिफारिश की थी। इसके तहत 3 -18 आयु वर्ग के सभी छात्रों को इसके तहत लाभ मिलने थे। हालांकि केंद्र इस विस्तार को फिलहाल लागू नहीं करना चाहता है।
इस विस्तार को फिलहाल बजट अधिक होने के चलते ड्रॉपआउट किया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, नई शिक्षा नीति के ड्रॉफ्ट में डॉ. के कस्तूरीरंगन कमेटी ने बेसिक शिक्षा का अधिकार कानून 6-14 आयु वर्ग से बढ़ाते हुए 3-18 आयु वर्ग करने की सिफारिश की थी।
लेकिन नई शिक्षा नीति के फाइनल प्रारूप को कैबिनेट में भेजने से पहले वित्त समेत मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अत्यधिक बजट के चलते इस विस्तार को फिलहाल टालने का फैसला लिया है। मंत्रालय ने 2018 में विभिन्न योजनाओं को एक (समग्र शिक्षा अभियान)में मर्ज किया था। इसी के तहत शिक्षा का अधिकार कानून 2009 में राज्यों को बजट आंवटित होता है।
थ्री लैंग्वेज फार्मूला में हिंदी अनिवार्य:
वरिष्ठ अधकिरी के मुताबिक, थ्री लैंग्वेज फार्मूला में हिंदी अनिवार्य रहेगी। सभी राज्यों के स्कूलों को थ्री लैंग्वेज फार्मूला के तहत पढ़ाई करवानी होगी। इसमें हिंदी को नहीं हटाया जा सकता है। हालांकि राज्य बेशक अपनी मातृभाषा को शामिल कर सकते हैं।
शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई एक्ट) 2009 में फिलहाल विस्तार नहीं होगा। नई शिक्षा नीति के ड्रॉफ्ट में डॉ. के कस्तूरीरंगन कमेटी ने शिक्षा का अधिकार कानून का विस्तार करने की सिफारिश की थी। इसके तहत 3 -18 आयु वर्ग के सभी छात्रों को इसके तहत लाभ मिलने थे। हालांकि केंद्र इस विस्तार को फिलहाल लागू नहीं करना चाहता है।
इस विस्तार को फिलहाल बजट अधिक होने के चलते ड्रॉपआउट किया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, नई शिक्षा नीति के ड्रॉफ्ट में डॉ. के कस्तूरीरंगन कमेटी ने बेसिक शिक्षा का अधिकार कानून 6-14 आयु वर्ग से बढ़ाते हुए 3-18 आयु वर्ग करने की सिफारिश की थी।
लेकिन नई शिक्षा नीति के फाइनल प्रारूप को कैबिनेट में भेजने से पहले वित्त समेत मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अत्यधिक बजट के चलते इस विस्तार को फिलहाल टालने का फैसला लिया है। मंत्रालय ने 2018 में विभिन्न योजनाओं को एक (समग्र शिक्षा अभियान)में मर्ज किया था। इसी के तहत शिक्षा का अधिकार कानून 2009 में राज्यों को बजट आंवटित होता है।
थ्री लैंग्वेज फार्मूला में हिंदी अनिवार्य:
वरिष्ठ अधकिरी के मुताबिक, थ्री लैंग्वेज फार्मूला में हिंदी अनिवार्य रहेगी। सभी राज्यों के स्कूलों को थ्री लैंग्वेज फार्मूला के तहत पढ़ाई करवानी होगी। इसमें हिंदी को नहीं हटाया जा सकता है। हालांकि राज्य बेशक अपनी मातृभाषा को शामिल कर सकते हैं।
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