एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला
Updated Fri, 29 Nov 2019 12:10 PM IST
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शुक्रवार, 29 नवंबर को आईआईटी खड़गपुर ने इस बारे में बताया कि ये पूरा प्रोजेक्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से पूरा किया जाएगा। इस गांधीपीडिया में माहात्मा गांधी द्वारा लिखी गई चिट्ठियों, किताबों का ऑनलाइन संग्रह रहेगा।
पहले चरण में महात्मा गांधी द्वारा लिखी गई 40 से ज्यादा किताबों को डिजिटल स्वरूप में बदला जाएगा। आईआईटी खड़गपुर द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि इन किताबों के माध्यम से समाज के उन सभी लोगों को भी जोड़ने में मदद मिलेगी जिन्होंने महात्मा गांधी को प्रभावित किया या उनसे प्रेरित हुए।
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कहा जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट का पहला चरण अगले साल मार्च में पूरा कर लिया जाएगा। जबकि अन्य चार चरणों को 2024 के मार्च तक पूरा किए जाने की उम्मीद है।
एनसीएसएम और आईआईटी खड़गपुर के अलावा इस प्रोजेक्ट में आईआईटी गांधीनगर भी जु़ड़ा है। एनसीएसएम एक स्वायत्त संस्धा है जो संस्कृति मंत्रालय के अधीन कार्य करती है।
आईआईटी खड़गपुर के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के प्रो अनिमेष मुखर्जी ने कहा कि महात्मा गांधी की किताब 'माय एक्सपेरिमेंट्स विद ट्रूथ' पहली किताब होगी जिसका उनके सोशल नेटवर्क के पुनर्निर्माण के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। प्रो. अनिमेष मुखर्जी ही इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी की किताबें, चिट्ठियां समेत उनके कुल 100 कार्यों को इस पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
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