मुंबई ब्यूरो, अमर उजाला, Updated Sat, 30 Nov 2019 12:01 AM IST
आप कॉमेडी के कोच बन गए हैं, कितना मुश्किल या कि आसान होता है दूसरों को कॉमेडी सिखाना?
अगर आप वन माइक स्टैंड या फिर कॉमिकस्तान देखेंगे तो पाएंगे कि मैं किसी को सिखाता नहीं हूं। कला सिखाई भी नहीं जा सकती। ये आपके भीतर होती है। आप किस क्षेत्र में क्या अलग करके दिखा सकते हैं, यही आपकी असली कला है? कई बार क्या होता है जवानी के जोश में हम अपने भीतर की उस खास चीज को नहीं पहचान पाते, जो हमारे पास सबसे अलग है या फिर जिसे करने का हमारा सबसे ज्यादा मन होता है। कॉमेडी भी एक कला है। डॉक्टर या इंजीनियर आप पढ़ाई करके, रट्टा मारके बन सकते हैं लेकिन कलाकार नहीं बन सकते। मैं जब कॉमिकस्तान या वन माइक स्टैंड जैसे मौकों पर कोच की तरह दिखता भी हूं तो बस सामने वाले के भीतर पहले से मौजूद प्रतिभा को मंच पर लाने का संदेशवाहक ही रहता हूं।

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