एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला
Updated Fri, 30 Aug 2019 12:19 PM IST
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सैलरी लंबे इंतजार के बाद हाथों में आती है इसलिए हम सोचते हैं कि उसका इस्तेमाल जरूरी चीजों में किया जाए। उस सैलरी से लोगों की समस्याओं का हल निकालने के बारे में कोी नहीं सोचता। शौचालय न होने से कितनी समस्याएं हो सकती हैं, अक्षय कुमार की फिल्म टॉयलेट में दर्शाया गया है। इससे होने वाले रोगों से भी लोग काफी जागरूक हो गए हैं। पर हजारों की संख्या के लिए एक शौचालय कहा की समझदारी है। बुलंदशहर के खानपुर क्षेत्र के लढ़ाना गांव के सरकारी स्कूल के अध्यापक सुनील कुमार दीक्षित ने इस पर विचार किया और वो कर दिखाया जिसके लिए एक बड़े दिल का होना बेहद जरूरी है।
सुनील कुमार पीएम मोदी की मन की बात से बेहद प्रभावित हैं क्योंकि यहां स्वच्छता की बात होती है। मीडिया को इन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया था कि हमारे देश में लगभग 37,956 स्कूल ऐसे हैं जहां लड़कियों के लिए शौचालय नहीं हैं। और अगर बात करें उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों की तो 745 सरकारी स्कूल ऐसे हैं जो शौचालय की समस्या से जूझ रहे हैं।
सुनील कुमार पीएम मोदी की मन की बात से बेहद प्रभावित हैं क्योंकि यहां स्वच्छता की बात होती है। मीडिया को इन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया था कि हमारे देश में लगभग 37,956 स्कूल ऐसे हैं जहां लड़कियों के लिए शौचालय नहीं हैं। और अगर बात करें उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों की तो 745 सरकारी स्कूल ऐसे हैं जो शौचालय की समस्या से जूझ रहे हैं।
सुनिल ने मीडिया को ये भी बताया कि लड़कियों के लिए शौचालय कम पड़ जाते थे, जिसके कारण उन्हें कभी उल्टी तो कभी पेट दर्द जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा था। इसलिए उन्होंने इसकी पहल की है।
छात्राओं को इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए सुनिल ने 80 हजार रुपए लगाकर 5 शौचालय खोले हैं।
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