Kriti Bharti's Campaign against Child Marriage
- फोटो : अमर उजाला
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मां ने हर तरह से मेरा इलाज करवाया, पर स्थिति जस की तस थी। ऐसे में मुझे पढ़ाई भी छोड़नी पड़ी। इस बीच मैं भीलवाड़ा के एक आश्रम के संपर्क में आई, जहां रेकी थैरेपी के माध्यम से दो वर्ष इलाज करवाने के बाद ठीक हो सकी। आश्रम में ठीक होने के बाद मैंने दोबारा पढ़ने के बारे में विचार किया। इसके बाद दसवीं कक्षा में प्रवेश लिया। चौथी से सीधे दसवीं कक्षा की पढ़ाई मेरे लिए चुनौती बन गई, पर मैंने परिश्रम के जरिये इस चुनौती का सामना किया। स्नातक, परास्नातक करने के बाद मैंने 'ऑन चिल्ड्रन इन नीड ऑफ केयर ऐंड प्रोटेक्शन' विषय पर पीएच.डी. की। उसके बाद मैं एक स्वयंसेवी संगठन के साथ जुड़कर महिला एवं बाल संरक्षण के क्षेत्र में काम करने लगी।
एक बार मुझे एक बलात्कार पीड़िता की काउंसिलिंग करने के लिए जाना पड़ा। उस बच्ची की हालत देखकर मैं भीतर से सहम गई। उस घटना के बाद मैंने निर्णय किया कि बच्चियों और महिलाओं के साथ होने वाले अन्याय और शोषण के खिलाफ काम करूंगी। इसी दिशा में काम करने के लिए मैंने बाल विवाह की रोकथाम के खिलाफ कदम उठाने के लिए सारथी ट्रस्ट बनाया। इस दौरान आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा, क्योकि कोई भी बाल विवाह रोकथाम के नाम पर आर्थिक मदद देने को तैयार नहीं था।
बाल विवाह के बारे में पता करना आसान नहीं होता। मैं और मेरी टीम लड़की के माता-पिता से संपर्क करती है और उन्हें शादी के खिलाफ मनाने की कोशिश करती है। कई मामलों में माता-पिता सहमत होते हैं। हम दूल्हा और उसके परिवार से भी संपर्क करते हैं। लेकिन इन सबसे मुश्किल काम होता है, गांव के बुजुर्गों को इससे सहमत कराना, क्योंकि उनका मानना होता है कि इससे समुदाय की छवि दांव पर लग जाती है। इस काम की वहज से कई बार मुझे जान से मारने की धमकी दी गई है। पर मैं अपने लक्ष्य से पीछे हटने वाली नहीं हूं।
जोधपुर समेत पूरे राजस्थान में हमने 30 से ज्यादा बाल विवाह को निरस्त कराया है, जबकि 900 से ज्यादा बच्चियों को विवाहित होने से बचाया है। सारथी ट्रस्ट बच्चियों के पुनर्वास के साथ-साथ बाल अधिकारों की स्थापना, महिलाओं के अधिकारों, बाल विवाह की घोषणा, बाल संरक्षण और महिला सुरक्षा के लिए काम कर रहा है। बाल विवाह रोकने के बाद अक्सर समस्या यह होती है कि अक्सर उस बालिका का सामाजिक बहिष्कार कर दिया जाता है। उसका पुनर्वास करना और उसे फिर से समाज का हिस्सा बनने में मदद करना महत्वपूर्ण हो जाता है। शिक्षा ने मुझे जीवित रखने में बहुत मदद की है, यही कारण है कि मुझे लड़कियों को शिक्षित करने और उन्हें शिक्षा के महत्व को सिखाने की आवश्यकता महसूस हुई।
(विभिन्न साक्षात्कारों पर आधारित)

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