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2/10बचपन में ही खा गया था इंसान को

जोशुआ के घृणित कारनामों की शुरुआत उसके बचपन से ही हो गई थी। जब वह सिर्फ 11 साल का था तो धर्मगुरु बन गया और पहली बार बलि दी। उसने एक लड़की की बलि दी और उसका दिल खा गया। तीन दिनों के धार्मिक कर्मकांड के दौरान बलाही के बारे में कहा गया कि उसके पास ऐसी शक्ति है जिसकी मदद से बुरी आत्मा को देख सकता है और बाद में एक बड़ा योद्धा बनेगा।
फोटो: साभार विकिमीडिया कॉमंस
3/10लाइबेरिया में गृह युद्ध

लाइबेरिया में पहले गृह युद्ध की शुरुआत अमेरिकी मूल के लाइबेरियाई नागरिकों के खिलाफ हुआ। लाइबेरिया की स्वदेशी जनजाति का मानना था कि उनके साथ सही व्यवहार नहीं हो रहा है और सरकार में उनका प्रतिनिधित्व भी सही नहीं है। उस समय सैमुएल डोए का शासन था। नौ सालों तक उसके शासन के दौरान काफी राजनीतिक उथल-पुथल रही। 1989 में जनरल चार्ल्स टेलर ने राष्ट्रपति सैमुएल डोए का तख्तापलट करने के लिए बगावत कर दी। टेलर और उसके सहयोगी उस स्वदेशी जनजाति का हिस्सा थे जिनके के साथ डोए शासन में दुर्व्यवहार हुआ था। बाद में स्वदेशी जनजाति के लोग कई बागी गुटों में बट गए। बलाही ने जनरल के तौर पर युद्ध के दौरान टेलर का विरोध किया और उसके खिलाफ लड़ा। सभी गुटों के बीच हीरे की खानों और अन्य चीजों पर कब्जे के लिए जंग छिड़ गई।
फोटो: साभार Rare historical photo
4/10जनरल बट नेक्ड

बलाही जानता था कि दुश्मन में खौफ कैसे पैदा करना है। वह अपनी ऐसी छवि बनाना चाहता था कि दूसरे नाम सुनकर खौफ खाए। वह अपने सैनिकों को नंगे लड़ने के लिए मजबूर करता। सैनिकों को सिर्फ जूते पहनकर लड़ने की अनुमति होती थी। वह खुद भी नंगे लड़ता था। वह कहता था कि उसके पास ऐसी शक्ति है कि दूसरों की नजर से खुद को छिपा लेता है, इसलिए उसे कपड़ा पहनना भी जरूरी नहीं है। नंगे ही लड़ने की वजह से वह जनरल बट नेक्ड के नाम से कुख्यात हो गया।
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5/10कमोबेश 20 हजार लोगों की हत्या की

लाइबेरिया के गृह युद्ध में हिस्सा लेने वाले सबसे क्रूर जनरलों में से एक बलाही था। उसने युद्ध के बाद एक कमिटी के सामने कबूला कि उसने और उसकी फौज ने कमोबेश 20 हजार लोगों की हत्या की।
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6/10इंसान के टुकड़े-टुकड़े कर दिए

लाइबेरिया के गृहयुद्ध में सबसे भयंकर लड़ाई 6 अप्रैल, 1996 को हुई। जनरल चार्ल्स टेलर लाइबेरिया के ज्यादातर भाग पर कब्जा कर चुके थे लेकिन विद्रोही गुटों से लगातार टक्कर मिल रही थी। टेलर ने अपनी सेना को उस जनजाति के लीडर को खोज लाने के लिए भेजा जिससे जनरल बलाही का संबंध था। जनरल बलाही और टेलर की सेना के बीच जोरदार लड़ाई हुई। शहर के आधे से ज्यादा लोग भाग खड़े हुए। उस लड़ाई को अपनी आंखों से देखने वाले एक आदमी ने बताया, बलाही के एक हाथ में मशीन गन थी और दूसरे हाथ में इंसान के जिस्म के कटे हुए टुकड़े।
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7/10बच्चों की बलि

जनरल बलाही के कारनामे ऐसे थे कि सुनकर रोंगटे खड़े हो जाए। उसका मानना था कि नर बलि देने से उसको सफलता मिलेगी। युद्ध में अपनी जीत के लिए वह देवियों को खुश करने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाता था। वह बच्चों की बलि देता और उनको खा जाता। इस काम के लिए खास तौर पर वह नवजात शिशुओं को चुनता था। उसका मानना था कि नवजात शिशुओं की बलि से वह काफी सुरक्षित होता है।
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8/10उसे सजा मिलेगी, उम्मीद बहुत कम

जनरल बलाही ने युद्ध के दौरान क्रूरता की चरम सीमा को पार कर दिया। उसने हजारों लोगों की जिंदगी खत्म कर दी। बच्चों को अपनी सेना में शामिल होने और सैकड़ों महिलाओं को अपने साथ सोने के लिए मजबूर किया। नवजात बच्चों को वह जिंदा खा गया। लेकिन इस बात की उम्मीद बहुत कम है कि उसके कुकर्मों के लिए उसको सजा मिलेगी। इसका सबसे बड़ा कारण है कि बलाही जैसे घृणित कारनामों को अंजाम देने वाले लाइबेरिया के क्रूर लोगों का मुकदमा अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में नहीं चल सकता है। दरअसल यह घटनाएं न्यायालय की स्थापना से पहले की है, इसलिए वहां उनलोगों पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है।
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9/10बलाही ने एक-एक करके अपने सारे गुनाह कबूले

लाइबेरिया में एक ट्रूथ और रिकॉन्सिलेशन कमिटी है। इसका काम युद्ध के दौरान दोषी लोगों की सुनवाई करना और फैसला सुनाना है। बलाही पहला जनरल था जिसने अपने देशवासियों के सामने अपने गुनाहों को एक-एक करके कबूला। उसकी कबूलनामे को टीवी पर लाइव प्रसारित किया गया। उसकी बातें सुनकर लोगों को बड़ा झटका लगा। उसने कहा कि वह सजा का सामना करने के लिए भी तैयार है। साथ ही उसने माफी भी मांगी।
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10/10प्रायश्चित कर फिर से बन गया उपदेशक

जनरल बलाही की जवानी का ज्यादातर हिस्सा लाइबेरिया के लोगों के बीच आतंक फैलाने में गुजरा। बाद में फिर से उसने प्रायश्चित करके धर्मगुरु का काम शुरू कर दिया। कई लोगों का मानना है कि बलाही का यह नया रूप पैसा जुटाने और सजा पाने से बचने के लिए है।
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