ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
अगर आप बैचलर ऑफ एजुकेशन (B.Ed) करने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए पहले कुछ बातें जाननी जरूरी हैं। क्योंकि पिछले कुछ समय में सरकार ने बीएड में कई बदलाव किए हैं। बीएड के नए कोर्स से लेकर इसके पाठ्यक्रम तक में बदलाव किए जाने वाले हैं।
नया कोर्स
बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड) करने के लिए अब ग्रेजुएशन के बाद अलग से दो साल का कोर्स करने की जरूरत नहीं होगी। केंद्र सरकार ने इंटीग्रेटेड बीएड शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली है।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया है कि चार साल के इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स के लिए अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है। यह कोर्स विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में इसी शैक्षणिक सत्र से शुरू होगा। इस कोर्स के लिए सिलेबस भी तैयार किया जा चुका है। यह कोर्स विद्यार्थियों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। इसके जरिए अभ्यर्थी अपना एक साल बचा सकेंगे।
किन कोर्सेज के साथ कर सकेंगे इंटीग्रेटेड बीएड
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि अब जो भी संस्थान इसके लिए इच्छुक हैं, वे इसी सत्र से यह कोर्स शुरू कर सकते हैं।
अभ्यर्थी बैचलर ऑफ आर्ट्स (बीए), बैचलर ऑफ साइंस (बीएससी) और बैचलर ऑफ कॉमर्स (बीकॉम) के साथ-साथ अपनी बीएड की पढ़ाई पूरी कर सकते हैं। इस पूरे कोर्स के लिए उन्हें पांच की जगह अब सिर्फ चार साल का समय देना होगा। वहीं, बीएड के लिए स्नातक के बाद अलग से किसी संस्थान में दाखिले की भागदौड़ भी नहीं करनी होगी।
दशकों बाद पाठ्यक्रम में होंगे बड़े बदलाव
करीब 40 साल बाद नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) कुछ बड़े बदलावों की तैयारी कर रहा है। इसके तहत काउंसलिंग को महत्वपूर्ण विषय के रूप में बीएड के पाठ्यक्रम में जोड़ा जाएगा। इतना ही नहीं एनसीटीई जल्द ही काउंसलिंग में विशेष बीएड कोर्स की शुरुआत भी कर सकता है। ऐसे ही कई और बदलावों की भी योजना पर काम हो रहा है, जिनका बीएड करने वालों पर असर होगा। इनके बारे में आगे पढ़ें...
एनसीटीई अध्यक्ष ने बताया- क्यों और क्या होंगे बदलाव
- नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) की चेयरपर्सन सतबीर बेदी के अनुसार, नई पीढ़ी के स्टूडेंट्स में तनाव व ऐसी अन्य मानसिक समस्या जल्दी हो जाती है। इनसे निपटने और छात्र-छात्राओं की समस्याएं सुलझाने के लिए हमें इस कार्य में प्रशिक्षित लोगों की जरूरत है। स्कूल और कॉलेज दोनों स्तरों पर। अभी जो बीएड कोर्स चलाए जा रहे हैं, उनमें शिक्षकों में काउंसलिंग स्किल विकसित करने का प्रावधान नहीं है। हम जल्द ही बीएड इन काउंसलिंग कोर्स भी लाएंगे।
- बीएड इन काउंसलिंग कोर्स देशभर के करीब 18 हजार संस्थानों में शुरू किए जाएंगे।
- जिन अभ्यर्थियों ने साइकोलॉजी या इससे संबंधित पढ़ाई की होगी, वे बीएड इन काउंसलिंग के लिए योग्य होंगे।
सतबीर बेदी ने बताया है कि एनसीटीई हर जिले में एक मॉडल बीएड कॉलेज बनाने की दिशा में भी काम कर रहा है। यह मॉडल कॉलेज जिले के अन्य कॉलेजों के लिए आदर्श उदाहरण पेश करने का काम करेगा। उनका मार्गदर्शन करेगा। ऐसे करीब 700 कॉलेज बनाए जाएंगे जिनमें 70 हजार से ज्यादा शिक्षकों को प्रशिक्षण मिल सकेगा।
ये भी पढ़ें : बदल गए हैं GK के कई सवालों के जवाब, ये नहीं पढ़ा तो परीक्षा में कट सकते हैं अंक
विदेशों में बीएड की शिक्षा
आने वाले समय में बीएड स्टूडेंट्स को अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों में हिस्सा लेने का भी अवसर मिलेगा। सतबीर बेदी के अनुसार, इससे स्टूडेंट्स को ग्लोबल एक्सपोजर मिलेगा। जैसे दुनिया के कई देशों में सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूल संचालित हो रहे हैं, उसी तरह हम चाहते हैं कि एनसीटीई से मान्यता प्राप्त बीएड कॉलेज भी विदेशों में शिक्षा देने का काम करें। इसके तहत स्टूडेंट्स एक्सचेंज प्रोग्राम भी चलाए जा सकेंगे।
ये भी पढ़ें : क्या है शिमला समझौता, जम्मू-कश्मीर मामले पर इसी की दुहाई दे रहा है पाकिस्तान
एनसीटीई वेब पोर्टल से मिलेंगे सर्टिफिकेट्स
बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी हाल में ही एनसीटीई वेब पोर्टल लॉन्च किया है। यहां टीचर एजुकेशन से जुड़े डिप्लोमा, सर्टिफिकेट व डिग्री के दस्तावेजों की ऑनलाइन जांच हो सकेगी। जो स्टूडेंट्स बीएड या टीचिंग कोर्स कर रहे हैं, उन्हें अब दस्तावेजों के लिए एनसीटीई कार्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे। ये चीजें अब उन्हें इस वेब पोर्टल के जरिए मिल जाएंगी।
ये भी पढ़ें : दो विदेशियों समेत कितने लोगों को मिल चुका है भारत रत्न, देखें 65 वर्षों की पूरी सूची
अगर आप बैचलर ऑफ एजुकेशन (B.Ed) करने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए पहले कुछ बातें जाननी जरूरी हैं। क्योंकि पिछले कुछ समय में सरकार ने बीएड में कई बदलाव किए हैं। बीएड के नए कोर्स से लेकर इसके पाठ्यक्रम तक में बदलाव किए जाने वाले हैं।
नया कोर्स
बैचलर ऑफ एजुकेशन (बीएड) करने के लिए अब ग्रेजुएशन के बाद अलग से दो साल का कोर्स करने की जरूरत नहीं होगी। केंद्र सरकार ने इंटीग्रेटेड बीएड शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली है।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया है कि चार साल के इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स के लिए अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है। यह कोर्स विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में इसी शैक्षणिक सत्र से शुरू होगा। इस कोर्स के लिए सिलेबस भी तैयार किया जा चुका है। यह कोर्स विद्यार्थियों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। इसके जरिए अभ्यर्थी अपना एक साल बचा सकेंगे।
किन कोर्सेज के साथ कर सकेंगे इंटीग्रेटेड बीएड
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि अब जो भी संस्थान इसके लिए इच्छुक हैं, वे इसी सत्र से यह कोर्स शुरू कर सकते हैं।
अभ्यर्थी बैचलर ऑफ आर्ट्स (बीए), बैचलर ऑफ साइंस (बीएससी) और बैचलर ऑफ कॉमर्स (बीकॉम) के साथ-साथ अपनी बीएड की पढ़ाई पूरी कर सकते हैं। इस पूरे कोर्स के लिए उन्हें पांच की जगह अब सिर्फ चार साल का समय देना होगा। वहीं, बीएड के लिए स्नातक के बाद अलग से किसी संस्थान में दाखिले की भागदौड़ भी नहीं करनी होगी।
दशकों बाद पाठ्यक्रम में होंगे बड़े बदलाव
करीब 40 साल बाद नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) कुछ बड़े बदलावों की तैयारी कर रहा है। इसके तहत काउंसलिंग को महत्वपूर्ण विषय के रूप में बीएड के पाठ्यक्रम में जोड़ा जाएगा। इतना ही नहीं एनसीटीई जल्द ही काउंसलिंग में विशेष बीएड कोर्स की शुरुआत भी कर सकता है। ऐसे ही कई और बदलावों की भी योजना पर काम हो रहा है, जिनका बीएड करने वालों पर असर होगा। इनके बारे में आगे पढ़ें...
एनसीटीई अध्यक्ष ने बताया- क्यों और क्या होंगे बदलाव
- नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) की चेयरपर्सन सतबीर बेदी के अनुसार, नई पीढ़ी के स्टूडेंट्स में तनाव व ऐसी अन्य मानसिक समस्या जल्दी हो जाती है। इनसे निपटने और छात्र-छात्राओं की समस्याएं सुलझाने के लिए हमें इस कार्य में प्रशिक्षित लोगों की जरूरत है। स्कूल और कॉलेज दोनों स्तरों पर। अभी जो बीएड कोर्स चलाए जा रहे हैं, उनमें शिक्षकों में काउंसलिंग स्किल विकसित करने का प्रावधान नहीं है। हम जल्द ही बीएड इन काउंसलिंग कोर्स भी लाएंगे।
- बीएड इन काउंसलिंग कोर्स देशभर के करीब 18 हजार संस्थानों में शुरू किए जाएंगे।
- जिन अभ्यर्थियों ने साइकोलॉजी या इससे संबंधित पढ़ाई की होगी, वे बीएड इन काउंसलिंग के लिए योग्य होंगे।
सतबीर बेदी ने बताया है कि एनसीटीई हर जिले में एक मॉडल बीएड कॉलेज बनाने की दिशा में भी काम कर रहा है। यह मॉडल कॉलेज जिले के अन्य कॉलेजों के लिए आदर्श उदाहरण पेश करने का काम करेगा। उनका मार्गदर्शन करेगा। ऐसे करीब 700 कॉलेज बनाए जाएंगे जिनमें 70 हजार से ज्यादा शिक्षकों को प्रशिक्षण मिल सकेगा।
ये भी पढ़ें : बदल गए हैं GK के कई सवालों के जवाब, ये नहीं पढ़ा तो परीक्षा में कट सकते हैं अंक
विदेशों में बीएड की शिक्षा
आने वाले समय में बीएड स्टूडेंट्स को अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों में हिस्सा लेने का भी अवसर मिलेगा। सतबीर बेदी के अनुसार, इससे स्टूडेंट्स को ग्लोबल एक्सपोजर मिलेगा। जैसे दुनिया के कई देशों में सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूल संचालित हो रहे हैं, उसी तरह हम चाहते हैं कि एनसीटीई से मान्यता प्राप्त बीएड कॉलेज भी विदेशों में शिक्षा देने का काम करें। इसके तहत स्टूडेंट्स एक्सचेंज प्रोग्राम भी चलाए जा सकेंगे।
ये भी पढ़ें : क्या है शिमला समझौता, जम्मू-कश्मीर मामले पर इसी की दुहाई दे रहा है पाकिस्तान
एनसीटीई वेब पोर्टल से मिलेंगे सर्टिफिकेट्स
बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी हाल में ही एनसीटीई वेब पोर्टल लॉन्च किया है। यहां टीचर एजुकेशन से जुड़े डिप्लोमा, सर्टिफिकेट व डिग्री के दस्तावेजों की ऑनलाइन जांच हो सकेगी। जो स्टूडेंट्स बीएड या टीचिंग कोर्स कर रहे हैं, उन्हें अब दस्तावेजों के लिए एनसीटीई कार्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे। ये चीजें अब उन्हें इस वेब पोर्टल के जरिए मिल जाएंगी।
ये भी पढ़ें : दो विदेशियों समेत कितने लोगों को मिल चुका है भारत रत्न, देखें 65 वर्षों की पूरी सूची

0 Comments