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Web Title:agarwood oil is costlier than gold called liquid gold

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लिक्विड गोल्ड: सोने से भी महंगा अगरवुड का तेल, कीमत लाखों में

लिक्विड गोल्ड: सोने से भी महंगा अगरवुड का तेल, कीमत लाखों में

इंदिरा गांधी इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर दो लोगों को अगरवुड की लकड़ी की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से करीब 51 लाख रुपये की अगरवुड जब्त की गई है। दरअसल अगरवुड काफी महंगी लकड़ी होती है। इसके तेल को लिक्विड गोल्ड कहा जाता है जिसकी कीमत सोने से भी ज्यादा होती है। आइए आज इस अगरवुड के बारे में जानते हैं कि यह कहां पाई जाती है, यह कितनी महंगी होती है और अन्य काम की बातें...

फोटो: साभार GettyImages

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​अगरवुड क्या है?

​अगरवुड क्या है?

अगरवुड एक सुगंधित लकड़ी होती है जिसका इस्तेमाल अगरबत्ती, इत्र आदि जैसी सुगंधित चीजों को बनाने में किया जाता है। चीन, जापान, कोरिया, मिस्र आदि में धार्मिक कर्मकांडों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा कोरिया में औषधीय शराब बनाने में और अरब में इत्र बनाने में इसका इस्तेमाल होता है।

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​दैवीय लकड़ी

​दैवीय लकड़ी

ऐसा माना जाता है कि अगरवुड के सुगंध के प्रति भगवान भी आकर्षित होते हैं। मान्यता के मुताबिक, जहां कहीं भी अगरवुड की खुश्बू जाती है, वहां भगवान प्रकट होते हैं और भगवान के प्रकट होने से बुरी आत्माएं भाग जाती हैं। इसलिए इसे इंग्लिश में wood of the gods या दैवीय लकड़ी भी कहा जाता है।

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​कहां पाई जाती है?

​कहां पाई जाती है?

दक्षिण पूर्व एशिया के घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों में अकीलारिया का वृक्ष पाया जाता है। उसी वृक्ष से यह लकड़ी मिलती है। दक्षिण पूर्व एशिया के 15 देशों में इसकी करीब 26 प्रजातियां पाई जाती हैं। इंडोनेशिया, फिलिपींस, पापुआ न्यू गिनिया, मलयेशिया, ब्रुनई, भारत, कंबोडिया, सिंगापुर, थाइलैंड, चीन, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार और लाओस में अकीलारिया की अलग-अलग प्रजातियां पाई जाती हैं। भारत में बात करें तो असम इसका सबसे बड़ा उत्पादक है। असम को अगरवुड कैपिटल ऑफ इंडिया कहा जाता है। वहां करीब एक लाख लोग अगरवुड ऑइल इंडस्ट्री पर सीधे आश्रित हैं। अगरवुड के तेल का इस्तेमाल इत्र बनाने में किया जाता है।

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​कभी हॉन्ग कॉन्ग था अगरवुड इत्र के व्यापार का बड़ा केंद्र

​कभी हॉन्ग कॉन्ग था अगरवुड इत्र के व्यापार का बड़ा केंद्र

हॉन्ग कॉन्ग का चीनी भाषा में मतलब ही होता है खुश्बूदार बंदरगाह। हॉन्ग कॉन्ग के इस नाम के पीछे इत्र का कारोबार है। पहले के जमाने में हॉन्ग कॉन्ग इत्र के कारोबार के लिए मशहूर था। एशिया के अन्य देशों और यूरोपीय देशों में इत्र की वहां से आपूर्ति होती थी। उन इत्रों में अगरवुड का इत्र सबसे मशहूर था। इसके इत्र की खुश्बू मिट्टी से आने वाली सुगंध जैसी होती है।

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​इसका तेल सोने से भी महंगा

​इसका तेल सोने से भी महंगा

अगरवुड की लकड़ी की गोंद से ऑड तेल निकाला जाता है। उसी ऑड तेल का इस्तेमाल इत्र बनाने में होता है। ऑड तेल इतना महंगा होता है कि उसे लिक्विड गोल्ड भी कहा जाता है। ऑड ऑइल की कीमत 50,000 डॉलर प्रति किलोग्राम यानी करीब 36 लाख रुपये प्रति किलोग्राम है।

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​तेल कैसे निकाला जाता है?

​तेल कैसे निकाला जाता है?

पहले अकीलारिया के पेड़ों की खाल को हटा दिया जाता है। खाल हटाने से के बाद पेड़ में फफूंद लग जाती है और लकड़ी सड़ जाती है। सड़ी हुई लकड़ी से एक खास प्रकार की गोंद निकलती है और उसी गोंद से तेल निकाला जाता है जिसका इस्तेमाल अगरवुड इत्र बनाने में किया जाता है।

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​नकली अगरवुड

​नकली अगरवुड

एक तो यह दुर्लभ है और ऊपर से काफी महंगी भी जिस वजह से इसका व्यापार काफी फायदेमंद और आकर्षक है। इसे देखते हुए लोगों ने नकली अगरवुड तेल बनाना शुरू कर दिया है। लेकिन इसकी पहचान कोई प्रशिक्षित पेशेवर ही कर सकता है।

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